यहाँ के हम हैं राजकुमार, तुम्हें क्या
समाजवादी
पार्टी सुप्रीमो की बहू मृदुला और उनके बहनोई अजंट सिंह निर्विरोध ब्लॉक
प्रमुख चुन लिए गए. यह खबर सुर्खियाँ भी बनी. यह बात पंडित जी को हजम नहीं हो रही.
वे सुबह से परेशान हैं कि अख़बार वाले बेवजह की खबरें भी छापते रहते हैं. अरे
भाई, मेरे पुराने साथी मुलायम से ज्यादा ताकतवर कोई है क्या इस समय उत्तर प्रदेश
में. बेटा मुख्यमंत्री, बहू, भतीजा, भाई सब सांसद, मंत्री जैसे पदों पर विराजे हैं
तो ये ब्लॉक प्रमुखी क्या चीज है. ये तो उन दोनों ब्लॉक के रहने वालों का भाग्य है
कि मंजुला जी और अजंट जी ब्लॉक प्रमुख बनाने को राजी हो गए. अन्यथा कौन सा बड़ा पद
उनकी पहुँच से बाहर है. उत्तर प्रदेश से बिहार तक अपना ही राज है. अब यहाँ तेजी से
विकास होगा. कोई फाइल कहीं रुकेगी नहीं. इस हिसाब से अगर ये लोग ब्लॉक प्रमुख नहीं
बनते तब तो निश्चित ये खबर बनती.
एक
किस्सा बताने लगे. बोले-मेरा साथी कई साल पहले सरकार में मंत्री था. फैजाबाद जिले
में बाढ़ आई हुई थी. वह कार से पहुंचा तो पत्रकारों ने लिखा, जनता बाढ़ में डूबी जा
रही है. फसल पहले ही तबाह हो चुकी है. मंत्री जी कार से चले आ रहे हैं. इस खबर को
देख मंत्री को बहुत गुस्सा आया. खून का घूँट पी कर रह गए. अगले साल फिर बाढ़ आई तो
मंत्री जी ने सोचा इस बार कार से नहीं जाएंगे. नहीं तो फिर सब छाप देंगे वही पिछले
साल की खबर. हेलीकाप्टर से उड़े और पहुँच गए. अफसरों से बात की. कुछ वायदे किये.
कुछ दावे. फिर अगली सुबह अख़बार पढ़कर अपना माथा पीट लिए. अखबारों ने छापा-जनता बाढ़
में डूबी जा रही है और मंत्री जी हवाई दौरा करते घूम रहे हैं. फिर अपने पत्रकार
पुत्र को फटकारा भी. बोले-तुम्हें तो इतनी समझ होनी चाहिए. अरे भाई, मुलायम के
परिवार के लोग कोई पद चाहें और वो किन्हीं कारणों से उन्हें न मिल पाए तब तो बड़ी खबर
बननी चाहिए. क्योंकि यह तो अपने राज्य की तौहीन होगी कि राजा ने चाहा फिर भी बात
नहीं बनी. वह भी तब जब फैसला कुछ खास लोगों को करना हो. यहाँ तो राजा के चमचों ने
ढेरों पद अपने कब्जे में कर रखे हैं. फिर राजा को तो हक है कि वह जिस पद पर चाहे,
अपने लोगों को नामित करे. इसमें किसी को कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए. पंडित जी के
बेटे ने अपनी सफाई में कहा-बाबूजी, असल में ये खबरें भी जनता पढ़ना चाहती है. इसलिए
हम लोग छापते हैं. पर पंडित जी संतुष्ट नहीं हुए. बोले-तुम सब चापलूस हो गए हो.
सत्ता-प्रतिष्ठान के आगे-पीछे घूमना अपना धर्म समझते हो.
ब्रिटेन
में देखो-राजशाही का प्रभाव कभी ख़त्म नहीं होता. वहां रानी ने कहा तो वह होता है.
खाड़ी देशों समेत दुनिया के कई देशों में राजा के जलवे होते हैं. वहाँ तो सभी अहम्
विभाग राजा के बेटे, भाई आदि ही संभालते हैं. देखो कितना अनुशासन है वहां. मजाल
किसी की जो कोई गड़बड़ी कर पाए. सीधे फांसी पर लटकाने से लेकर, चौराहे पर गोली मारने
तक आदेश दे देते हैं दुनिया के कई राजा. कोई सुनवाई भी नहीं होती. अपने राजा
चूंकि, बेहद शरीफ हैं इसलिए तुम लोग गड़बड़ करते रहते हो. तुम मीडिया वालों को राजा
के विरोधी भड़काते भी रहते हैं. बताओ, इतने बड़े राजनीतिक परिवार में अगर दो-चार छोटे-मोटे पद और आ गए तो कौन सी आफत
आ गई. राज परिवार की बदनामी होती है ऐसी खबरों से. पांच साल के लिए राजा चुना है
तो झेलो. तकलीफ क्यों होती है. जो आएगा, वही कुछ न कुछ ऐसा ही करेगा.
अरे
खबर वह थी कि बहराइच के एक मंत्री जी अभी भी झोपड़ी में रहते हैं. खबर बिहार से अभी
कुछ दिन पहले आई थी-एक पूर्व मुख्यमंत्री का परिवार फांकेमस्त है. अब इस युग
में ऐसी खबरें किसी राज परिवार और उनके चाहने वालों को आहत कर सकती हैं. आगे से
ध्यान रखना. चुना भले हमने-तुमने मिलकर हो लेकिन कुर्सी पर आसीन होते ही सारे
अधिकार उनके पास आ जाते हैं. सावधान, वैसे भी मैं पुराना समाजवादी भी हूँ और सपा
सुप्रीमो का दोस्त भी. कोई गड़बड़ी आगे से नहीं करना.
आप तो छोड़ो दुनियादारी और सुनो फिल्म राजकुमार का ये हिट
गीत-
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