भ्रष्टाचार पर मोदी का अब तक का सबसे बड़ा हमला
एक हजार और पांच सौ के नोट आठ नवम्बर की रात से ही बंद करने की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की घोषणा भ्रष्टाचार पर करारा प्रहार साबित होगी और इस हमले के दूरगामी लेकिन सकरात्मक परिणाम होंगे. देश की तरक्की में यह कदम मील का पत्थर साबित होगा. उनके इस हमले में कितने लोग घायल हुए होंगे, इसका ठीक-ठीक आंकलन तो बेहद मुश्किल है लेकिन संख्या निश्चित करोड़ों में ही होगी.
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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी |
असल में इसे भी एक 'सर्जिकल स्ट्राइक' कहा जाना चाहिए, जो देश के अन्दर हुआ और अपने प्रधानमंत्री ने सीधे-सीधे इसमें हिस्सा लिया. इसमें किसी की मौत तो नहीं हुई लेकिन अस्पतालों में अगर दिल का दौरा पड़ने वाले मरीजों की संख्या बढ़ जाए, तो आश्चर्य नहीं होना चाहिए. यह एक ऐसा अभियान है, जिसे प्रधानमंत्री ने शांतिपूर्ण तरीके से पूरी तैयारी के साथ अंजाम दिया. वह भी सीधे देश को संबोधित करके. (जिसमें निश्चित ही भ्रष्टाचारी भी शामिल हैं) किसी को कानोंकान खबर नहीं और इतनी बड़ी खबर आ गई. अपने 24 वर्ष के सार्वजनिक जीवन में किसी प्रधानमंत्री को इतनी बड़ी घोषणा सीधे टीवी पर करते मैंने पहली बार देखा. इस आक्रामक घोषणा को सुनते हुए मुझे एक गीत याद आ रहा था..चिट्ठी न कोई सन्देश...न ही अखबार में कोई खबर, न टेलीविजन पर कोई सुगबुगाहट और अचानक भ्रष्टाचार पर इतना बड़ा हमला. इसके लिए निश्चित ही प्रधानमंत्री बधाई के पात्र हैं.
इस कदम से आम लोगों को कुछ दिक्कतें भी आएँगी, जिसका जिक्र प्रधानमंत्री ने भी किया है, लेकिन देखना रोचक होगा क्योंकि अभी उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब समेत पांच राज्यों में विधान सभा चुनाव होने को हैं. माना भी जाता है और स्थापित सच भी है कि राजनीति में सबसे ज्यादा काला धन का इस्तेमाल होता आया है. उन्हीं पैसों से हेलीकाप्टर भी उड़ते हैं और बड़ी-बड़ी गाड़ियों में नेता लोग घूमते भी हैं. तो फिर आने वाले चुनावों में क्या होगा. कैसे चुनाव लड़े जाएंगे. पर, सब्जी की दुकान, किराने की दुकान, अन्य फुटकर व्यापार में अगले कुछ दिन तक कुछ ज्यादा ही दिक्कतें बनी रहेंगी. अभी सरकार के इस फैसले के अनेक पहलू सामने आएंगे, पर मैं इसे लेकर उत्साहित हूँ और इसी वजह से त्वरित टिप्पणी भी कर पा रहा हूँ. एक बात बहुत विनम्रता से कहूँगा कि मैं अर्थशास्त्र का जानकार नहीं हूँ. यहाँ लिखी गई सारी बातें केवल मेरी भावनाएं ही हैं. इस फैसले के सभी पहलुओं को सरकार निश्चित विचार करेगी और आम आदमी के सामने आने वाली दिक्कतें भी दूर करेगी.
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