फिल्म कहानी 2 : विद्या के अभिनय ने कहानी को बना दिया दमदार

फिल्म कहानी 2 का पोस्टर -साभार 

सुजॉय घोष यूँ तो मझे हुए निर्देशक हैं और विद्या बालन के अदाकारा होने पर किसी को शक क्यों होने लगा. इस जोड़ी ने साल 2012 में फिल्म 'कहानी' के साथ दर्शकों को सरप्राइज किया था और अब एक बार फिर से इन दोनों ने मिलकर 'कहानी 2' बनाई है। पूरी कहानी जानने के लिए तो सिनेमा हाल तक जाना ही होगा आप को, मैं तो अपने तजुर्बे के आधार पर ही इस कहानी को बयाँ कर पा रहा हूँ.
'कहानी 2' की कहानी : फिल्म की कहानी विद्या सिन्हा (विद्या बालन ) और उनकी बेटी मिनी (नाएशा खन्ना) के इर्द-गिर्द बुनी गई है. ये दोनों माँ-बेटी एक छोटे से कस्बे में ख़ुशी के साथ रहते हैं और एक दूसरे के साथ खूब वक्त बिताते हैं और मस्ती भी करते हैं. एक दिन जब कुछ लोग मिनी को किडनैप करके ले जाते हैं तो उसकी तलाश करते हुए विद्या का एक्सीडेंट हो जाता है और वह कोमा में चली जाती है। इंस्पेक्टर इंद्रजीत सिंह (अर्जुन रामपाल) इस केस की जांच-पड़ताल करने लगता है तो इसके तार कुख्यात अपराधी दुर्गारानी सिंह (विद्या बालन) से जुड़ने लगते हैं। बहुत सारे ट्विस्ट और टर्न्स आते हैं और अंततः एक बड़ा सस्पेंस सामने आता है। इसका खुलासा यहाँ नहीं. आप को सिनेमा हाल जाना होगा. अगर मैंने सब कुछ यहीं परोस दिया तो संभव है कि आप सिनेमा हाल जाने का फैसला बदल दें और फिल्म को लेकर मेरी राय ही आप की हो जाए, ऐसा मैं चाहता नहीं. 


निर्देशन : सुजॉय एक ऐसे निर्देशक हैं जो खुद तो अपना बेस्ट देते ही हैं, टीम से भी बेहतरीन काम लेने की फितरत उनमें हैं. इस फिल्म में निर्देशन के अलावा फिल्म की सिनेमेटोग्राफी आपको बांध के रखती है। सिनेमेटोग्राफर तपन बासु के साथ बहुत ही अच्छे तरीके से काम निकाला है है निर्देशक ने. इंटरवल के बाद का हिस्सा थोड़ा और कसा जा सकता था क्योंकि उसी के बाद धीरे-धीरे सस्पेंस सामने आता तो कहानी और ज्यादा दिलचस्प लगती। क्लाइमैक्स भी और बेहतर किया जा सकता था।

अदाकारी : विद्या बालन की परफॉर्मेन्स एक बार फिर से बहुत ही बेहतरीन रही है। एक मां और एक कुख्यात अपराधी, दोनों किरदारों को विद्या ने ठीक से निभाया है। वहीँ बेटी के किरदार में नाएशा खन्ना ने अच्छी एक्टिंग की है। अर्जुन रामपाल ने एक इंस्पेक्टर का किरदार काफी सहज तरीके से निभाया है। बाकी कलाकारों जैसे जुगल हंसराज , खारिज मुखर्जी, कौशिक सेन ने अच्छा काम किया है। सभी किरदारों का अहम योगदान है।


जाएँ या नहीं : विद्या बालन और फिल्म की कहानी के लिए आप एक बार जरूर थिएटर तक जा सकते हैं। बहुत अच्छा मैसेज भी सामने आता है, जिसे आप परिवार के साथ देखेंगे तो ज्यादा प्रभाव पड़ेगा। फिल्म का म्यूजिक और बैकग्राउंड क्लिंटन सेरेजो ने दिया है, जो बहुत ही अच्छा है।

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