नासिरा को 'पारिजात' के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार, 24 भारतीय भाषा के पुजारियों को सम्मानित करेगी अकादमी


साहित्य अकादमी ने 24 भारतीय भाषाओं के रचनाकारों को साहित्य अकादमी पुरस्कार देने की घोषणा बुधवार को की। आठ कविता संग्रह, सात कहानी संग्रह, पांच उपन्यास, दो समालोचना, एक निबंध संग्रह और एक नाटक का पुरस्कार के लिए चयन किया गया है. प्रसिद्ध लेखिका नासिरा शर्मा को हिदी में उनकी कृति 'पारिजात' के लिए, जेरी पिंटो को उनके उपन्यास 'एम एंड द बिग हूम' तथा उर्दू में निजाम सिद्दिकी को उनकी समालोचना 'माबाद-ए-जदिदिआत से नये अहेद की तखलिकियात तक' के पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा.

पुरस्कारों की अनुशंसा 24 भारतीय भाषाओं की निर्णायक समितियों द्वारा की गई थी, जिन्हें साहित्य अकादमी के अध्यक्ष विश्वनाथ प्रसाद तिवारी की अध्यक्षता में बुधवार को आयोजित अकादमी के कार्यकारी मंडल की बैठक में अनुमोदित किया गया. पुरस्कार 1 जनवरी 2010 से 31 दिसंबर 2014 के दौरान पहली बार प्रकाशित पुस्तकों में से श्रेष्ठ कृति का चयन कर दिया गया है.
साहित्य अकादमी पुरस्कार के रूप में एक उत्कीर्ण ताम्रफलक, शॉल और एक लाख रुपये की राशि प्रदान करेगी. 22 फरवरी 2017 को राजधानी में आयोजित विशेष समारोह में पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे. पुस्कार की घोषणा साहित्य अकादमी के सचिव डॉ. के श्रीनिवास राव ने की. इस दौरान आदिवासियों के जीवन पर कैलेंडर और संस्कृत के प्रसिद्ध विद्वान अभिनव गुप्त पर डायरी जारी की गई.

आठ कवि होंगे सम्मानित
ज्ञान पुजारी (असमिया), अंजु (अंजलि नार्जारी) (बोडो), कमल वोरा (गुजराती), प्रभा वर्मा (मलयालम), सीतानाथ आचार्य शास्त्री (संस्कृत), गोबिंदचंद्र माझी (संताली), नंद जावेरी (सिंधी) और पापिनेनि शिवशंकर (तेलुगु)

कहानी संग्रह: सात कहानीकार होंगे पुरस्कृत
दरिहरे (मैथिली), छत्रपाल (डोगरी), मोइराड्थेम राजेन (मणिपुरी), आसाराम लोमटे (मराठी), पारमिता सत्पथी (ओड़िया), बुलाकी शर्मा (राजस्थानी) और वन्नदासन (तमिल)

उपन्यास के लिए होंगे पुरस्कृत
जेरी पिंटो (अंग्रेजी), नासिरा शर्मा (¨हदी), बोलवार महमद कुयिं (कन्नड़), एडविन जेएफ डिसोजा (कोंकणी), गीता उपाध्याय (नेपाली)

निबंध, नाटक एवं समालोचना
नृसिंह प्रसाद भादुड़ी (बांग्ला) को उनके निबंध के लिए और स्वराजबीर (पंजाबी) को उनके नाटक के लिए तथा अजीज हाजिनी (कश्मीरी) और निजाम सिद्दिकी (उर्दू)

भाषा सम्मान
साहित्य अकादमी ने वर्ष 2015 के लिए उत्तरी तथा दक्षिणी क्षेत्र से कालजयी एवं मध्यकालीन साहित्य में योगदान हेतु दो लेखकों व विद्वानों एवं अकादमी द्वारा गैर मान्यताप्रदत्त भाषाओं कुडुख, लद्दाखी, हल्बी एवं सौराष्ट्र के उत्थान में योगदान हेतु छह विद्वानों अथवा लेखकों को भाषा सम्मान प्रदान करने की घोषणा की है. डॉ. आनंद प्रकाश दीक्षित को कालजयी एवं मध्यकालीन साहित्य (उत्तरी) में उनके महत्वपूर्ण योगदान हेतु तथा नागल्ला गुरुप्रसाद राव को कालजयी एवं मध्यकालीन साहित्य (दक्षिणी) में उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए यह सम्मान दिया जाएगा.

डॉ. निर्मल मिंज को अकादमी द्वारा गैर मान्यताप्रदत्त भाषा कुडुख तथा साहित्य की समृद्धि केलिए दिए गए उनके बहुमूल्य योगदान हेतु भाषा सम्मान दिया जाएगा .प्रो. लोजाग जम्सपाल तथा गिलोंग थुपस्तान पलदान को संयुक्त रूप से लद्दाखी भाषा तथा साहित्य की समृद्धि के लिए दिए गए उनके बहुमूल्य योगदान हेतु भाषा सम्मान दिया जाएगा. 
हरिहर वैष्णव को हल्बी भाषा, डॉ. टीआर. दामोदरन एवं टीएस. सरोजा सुंदराराजन को संयुक्त रूप से सौराष्ट्र भाषा तथा साहित्य की समृद्धि के लिए दिए गए उनके बहुमूल्य योगदान हेतु यह सम्मान दिया गया है. प्रत्येक भाषा सम्मान के अंतर्गत एक लाख रुपये की राशि, एक ताम्र फ लक तथा प्रशस्ति पत्र प्रदान किया जाएगा. संयुक्त विजेताओं में सम्मान राशि समान रूप से साझा की जाएगी. यह सम्मान विशेष समारोह में साहित्य अकादमी के अध्यक्ष द्वारा प्रदान किया जाएगा.

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