रूस-अमेरिका भिड़े, दोनों ने 35-35 राजनयिकों को दिया देश छोड़ने का हुकुम

ओबामा और पुतिन : प्रतीकात्मक फोटो 

पहले अमेरिका ने 35 रुसी राजनयिकों को 72 घंटे में देश छोड़ने का हुकुम दिया तो जवाबी कार्रवाई में रूस ने भी 35 ही अमेरिकी राजनयिकों को रूस छोड़ने का फरमान सुना दिया. यह बवाल अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में हैकिंग की खबरों के बीच आई.

आरोप है कि रूस ने ट्रंप को जिताने के लिए हैकिंग का सहारा लिया और इस काम में सीधे तौर पर पुतिन रूचि ले रहे थे. जब ट्रंप चुनाव जीत गए तो ओबामा ने इस मसले पर जाँच कर रिपोर्ट पेश करने को कहा. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक रिपोर्ट मिलने के बाद ही अमेरिका ने पहले कार्रवाई की और बाद में रूस ने जवाबी कार्रवाई कर 35 रज्नयिओकोन को देश निकाला दे दिया. इस आशय की घोषणा रूसी विदेश सर्गेई लावरोव ने की. उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यह फ़ैसला लिया है.

ओबामा प्रशासन ने अमरीकी चुनाव में कथित रूप से रूसी हैकिंग के ख़िलाफ़ प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है.
रूस ने अमरीका के इस क़दम को बेबुनियाद बताया था. रूस अमरीकी आरोपों को सिरे से खारिज कर रहा है. रूसी प्रधानमंत्री दिमित्री मेदवेदेव ने कहा कि जाते-जाते ओबामा प्रशासन का अंत रूस विरोधी पीड़ा से हो रहा है.
20 जनवरी को ओबामा का शासनकाल ख़त्म होने वाला है. इसके बाद अमरीका की सत्ता रिपब्लिकन डोनल्ड ट्रंप के पास आएगी. ओबामा प्रशासन ने अमरीकी चुनाव में हैकिंग को लेकर रूसी भूमिका के ख़िलाफ़ कार्रवाई की बात कही थी. इसी के तहत उन्होंने रूसी इंटेलिजेंस एजेंसियों को बैन किया है.

ओबामा प्रशासन का आरोप है कि रूस ने अमरीकी चुनाव में ट्रंप के पक्ष में काम किया और हिलेरी क्लिंटन की चुनावी रणनीति पर साइबर हमला किया. अमरीका की इस कार्रवाई पर रूस ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि वह जवाब देगा. रूस ने कहा था कि वह इस मामले में बराबरी का जवाब देगा. रूस और अमरीका की यह क्रिया प्रतिक्रिया शीत युद्ध की तरह जैसे को तैसा की तर्ज पर है.
ट्रंप ने रूस के साथ अच्छे संबंधों का भरोसा दिलाया है. ट्रंप ने अपनी टीम में मॉस्को से बढ़िया रिश्ता रखने वाले शख्स को शामिल किया है. रेक्स टिलेर्सन को उन्होंने विदेश मंत्री बनाया है, जिनके पुतिन से अच्छे संबंध है. पुतिन उन्हें एक बार सम्मानित भी कर चुके हैं.

रूसी विदेश मंत्री की प्रवक्ता मारिया ज़ाखरोवा ने उस रिपोर्ट को खारिज कर दिया है कि मॉस्को ने एक स्कूल को बंद कर दिया है जिसमें अमरीकी राजनयिकों को बच्चे पढ़ते हैं. उन्होंने कहा कि यह झूठ है. रूसी मीडिया का कहना है कि जिन रूसी राजनयिकों को अमरीका छोड़ने के लिए कहा गया है उन्हें फ्लाइट टिकट ख़रीदने में दिक़्कत हो रही है.

इससे पहले ज़खारोवा ने कहा था कि अमरीका अपने ही राष्ट्रपति से अपमानित हो रहा है. उन्होंने कहा कि ओबामा की विदेशी नीति बुरी तरह से नाकाम रही. रूसी मिलिटरी अफेयर्स की विश्लेषक पावेन ने बीबीसी वर्ल्ड से कहा कि दोनों देशों के बीच संबंध निचले स्तर पर पहुंच गए हैं.

Comments

Popular posts from this blog

पढ़ाई बीच में छोड़ दी और कर दिया कमाल, देश के 30 नौजवान फोर्ब्स की सूची में

युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत हो सकती है अगम की कहानी

खतरे में ढेंका, चकिया, जांता, ओखरी