राष्ट्रीय सुरक्षा में बड़ी तब्दीलियाँ, मोदी ने एक साथ 4 नए प्रमुख किए तैनात

बाएं से दायें क्रमशः अनिल धस्माना, राजीव जैन (ऊपर), नीचे बीएस धनोवा एवं विपिन रावत

केंद्र सरकार ने शनिवार को एक साथ थल सेना, वायु सेना, इंटेलिजेंस ब्यूरो और रॉ के प्रमुखों की एक साथ नियुक्ति कर दी. लेफ्टिनेंट जनरल विपिन रावत अगले सेनाध्यक्ष होंगे. वे दलबीर सुहाग की जगह लेंगे. एयर मार्शल बीएस धनोवा वायु सेना प्रमुख होंगे, उनकी नियुक्ति अरूप राहा की जगह लेंगे. झारखंड कैडर के आईपीएस अधिकारी राजीव जैन को गुप्तचर ब्यूरो (आईबी) का नया प्रमुख नियुक्त किया गया जबकि अनिल धस्माना बाह्य गुप्तचर एजेंसी रॉ का नेतृत्व करेंगे. दोनों अधिकारियों का कार्यकाल दो साल का होगा. 

जनरल रावत इस समय थलसेना के सहसेनाध्यक्ष हैं. रावत जनरल दलबीर सुहाग की जगह सेना प्रमुख बने हैं और 23 दिन बाद कमान संभालेंगे. थल सेना प्रमुख जनरल दलबीर सिंह सुहाग और वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल अरुप राहा, दोनों इसी साल 31 दिसंबर को सेवानिवृत्त हो रहे हैं.

अपनी पारिवारिक विरासत को आगे बढ़ाते हुए लेफ्टिनेंट जनरल विपिन रावत इस पद पर पहुंचे हैं. इससे पहले उनके पिता लेफ्टिनेंट जनरल एलएस रावत सेना में डिप्टी चीफ के पद से रिटायर्ड हुए थे. उनके पिता भारतीय सैन्य अकादमी देहरादून के कमांडेंट भी रहे. वहीं जनरल रावत ने सहसेनाध्यक्ष का पद संभालने से पहले सेना की दक्षिणी कमान के कमांडर का पद भी संभाला.

11वीं गोरखा राइफल्स की पांचवीं बटालियन में जनवरी 1979 में कमीशन लेने वाले ले. जनरल रावत का करियर उपलब्धियों भरा रहा है. वह दिसंबर 1978 में भारतीय सैन्य अकादमी से पासआउट होने वाले बैच के श्रेष्ठतम कैडेट रहे और उन्हें स्वार्ड ऑफ ऑनर मिला. लेफ्टिनेंट जनरल विपिन रावत अति विशिष्ट सेवा मेडल, युद्ध सेवा मेडल, सेना मेडल व विशिष्ट सेवा मेडल जैसे कई सम्मान से अलंकृत किए गए हैं. पौड़ी गढ़वाल के मूल निवासी जनरल रावत का परिवार पहले रुड़की में रहता था, लेकिन अब वह नोएडा शिफ्ट हो गए हैं.

आईपीएस अफसर राजीव जैन वर्तमान में गुप्तचर ब्यूरो में विशेष निदेशक के तौर पर कार्यरत हैं, वह एक जनवरी को नया पदभार संभालेंगे. वे दिनेश्वर शर्मा का स्थान लेंगे, जिनका दो वर्ष का कार्यकाल 31 दिसम्बर को समाप्त होगा. राष्ट्रपति के पुलिस पदक से सम्मानित और 1980 बैच के अधिकारी जैन ने गुप्तचर ब्यूरो के विभिन्न विभागों में काम किया है जिसमें संवेदनशील कश्मीर डेस्क भी शामिल है. 
वह पूर्ववर्ती एनडीए सरकार के कश्मीर पर वार्ताकार के सी पंत के सलाहार भी रहे, जब शब्बीर शाह जैसे अलगाववादी नेताओं से बातचीत हुई थी. एक अन्य नियुक्ति के तहत अनिल धस्माना रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) के प्रमुख की जिम्मेदारी संभालेंगे. धस्माना, राजिंदर खन्ना का स्थान लेंगे जिनका कार्यकाल इस वर्ष के अंत में समाप्त हो रहा है. धस्माना मध्यप्रदेश कैडर के 1981 बैच के अधिकारी हैं. वह पिछले 23 वर्षों से रॉ में हैं.

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