यूपी समेत पांच राज्यों में चुनाव की तारीखों का ऐलान इसी महीने, जानिए आयोग का पूरा प्लान
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चुनावों की प्रतीकात्मक फोटो |
असल में आयोग अगर फरवरी तक चुनाव करा लेता है तो उसे सुविधा होगी. फिर सभी राज्य बोर्ड इम्तहान आराम से पहले की तरह मार्च में करा सकेंगे. उनके कार्यक्रमों में मामूली बदलाव भले हो, अन्यथा सारी परीक्षाएं समय से हो जाएँगी और परिणाम निकालने में बोर्ड को कोई दिक्कत नहीं होगी.
असल में उत्तर प्रदेश को छोड़ चुनाव वाले बाकी सभी राज्य गोवा, पंजाब, मणिपुर, उत्तराखंड छोटे हैं. पंजाब और उत्तर प्रदेश ही, दो ऐसे राज्य हैं, जहाँ एक से अधिक चरणों में चुनाव होंगे. यूपी में नई विधान सभा चुनने के लिए छह से सात चरणों में चुनाव कराने का खाका खींचा गया है. फिलहाल आयोग इसे अंतिम रूप दे रहा है. आयोग बोर्ड परीक्षाओं को लेकर इसीलिए सतर्क है, कि कहीं ऐसा न हो कि चुनाव और इम्तहान, एक साथ घोषित हो जाएँ और पूरी मशीनरी संकट में पड़ जाए.
फरवरी में चुनाव उचित
आयोग मौसम, स्कूलों में इम्तिहान, त्योहार और फसल कटाई जैसी चीजों को भी चुनावी कार्यक्रम बनाते समय ध्यान में रखता है. फरवरी ही ऐसा महीना है, जिसमें इन तमाम चीजों से बचा जा सकता है. उत्तर प्रदेश विधान सभा के अलावा बाकी चार राज्यों की विधान सभा के कार्यकाल मार्च-अप्रैल में पूरे हो रहे हैं, जबकि यूपी विधान सभा का कार्यकाल मई में पूरा होगा.
तारीखों के ऐलान का इंतजार
चुनाव आयोग ने पांचों राज्यों में दौरा कर वहां की सरकार, उच्च नौकरशाह, राजनीतिक पार्टियों के साथ सेना और अर्धसैनिक बलों की उपलब्धता के बारे में बातचीत कर ली है यानी अब सिर्फ तारीखों के ऐलान का इंतजार है.
आयोग मौसम, स्कूलों में इम्तिहान, त्योहार और फसल कटाई जैसी चीजों को भी चुनावी कार्यक्रम बनाते समय ध्यान में रखता है. फरवरी ही ऐसा महीना है, जिसमें इन तमाम चीजों से बचा जा सकता है. उत्तर प्रदेश विधान सभा के अलावा बाकी चार राज्यों की विधान सभा के कार्यकाल मार्च-अप्रैल में पूरे हो रहे हैं, जबकि यूपी विधान सभा का कार्यकाल मई में पूरा होगा.
तारीखों के ऐलान का इंतजार
चुनाव आयोग ने पांचों राज्यों में दौरा कर वहां की सरकार, उच्च नौकरशाह, राजनीतिक पार्टियों के साथ सेना और अर्धसैनिक बलों की उपलब्धता के बारे में बातचीत कर ली है यानी अब सिर्फ तारीखों के ऐलान का इंतजार है.
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