हाईकोर्ट का डंडा चला तब यूपी के इस मंत्री ने खुद ढहवाया अवैध निर्माण
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प्रतीकात्मक फोटो : साभार I |
उत्तर प्रदेश सरकार में उच्च शिक्षा मंत्री शारदा प्रताप शुक्ला ने सोमवार को अवैध तरीके से बनी अपनी दुकानें और गोशाला तुड़वा दी। आरोप है कि लखनऊ के आशियाना इलाके के सालेहनगर में जमीन कब्जा कर मंत्री ने अवैध निर्माण करवाया था।
हाईकोर्ट के आदेश पर एलडीए ने मंगलवार को यह निर्माण ध्वस्त करने का नोटिस जारी कर दिया था। हालांकि मंत्री ने कब्जे की बाउंड्री और मंदिर नहीं तोड़ा है। एलडीए सचिव अरुण कुमार ने बताया कि मंगलवार को एलडीए टीम मौके पर जाएगी और बाउंड्रीवाल भी तोड़ेगी। इसके बाद खाली कराई गई इस जमीन पर पार्क बनाया जाएगा।
आशियाना के सालेह नगर में खसरा संख्या 249 में मंत्री शारदा प्रताप शुक्ला का घर बना है। इसके बगल के खसरा संख्या 250 और 251 में लगभग 11 बिसवा जमीन खाली थी। आरोप है कि मंत्री ने इस जमीन पर जबरन कब्जा कर रखा है। मंत्री ने इस जमीन पर दो मंदिर भी बनवा दिए हैं। इसके अलावा आगे की तरफ 6 दुकानें व पीछे की तरफ गोशाला बनी थी। इन दुकानों से अच्छा-खासा किराया वसूला जाता था, जबकि गोशाला में 10 गाय पाली गईं। इन्हीं सब से मंदिर का खर्चा चलता था। मंदिर में 8 लोग हैं, जो मंदिर और गोशाला की देखभाल करते है। इस जमीन पर अवैध निर्माण को तोड़ने की कवायद कई बार हुई, लेकिन हर बार एलडीए अधिकारी पीछे हट गए। करीब छह महीने पहले हाई कोर्ट ने अवैध निर्माण ढहाने का आदेश दिया था। इसके बावजूद अवैध कब्जा नहीं हटाया गया।
इस पर हाई कोर्ट ने सख्त नाराजगी जताते हुए कार्रवाई के संकेत दिए, तब जाकर एलडीए ने 13 दिसंबर को अभियान तय कर दिया। इसके लिए पुलिस फोर्स भी मिल गई। कार्रवाई की आहट देखते हुए मंत्री ने एक दिन पहले ही अवैध निर्माण का बड़ा हिस्सा खुद तुड़वा दिया। हालांकि मंत्री के समर्थकों का कहना है कि यह जमीन ग्राम पंचायत ने मंदिर के लिए दी थी।
मंत्री का कहना है कि मैंने तो मंत्री पद ग्रहण करते समय ही कहा था कि अगर कोई अवैध निर्माण है तो वो गिरेगा। इस जमीन पर जो दुकानें बनी थीं, उसके किराए से मंदिर का खर्चा चलता था। जमीन मंदिर के लिए थी। उधर, लखनऊ विकास प्राधिकरण के सचिव अरुण कुमार ने कहा है कि मंत्री ने खुद अवैध निर्माण तुड़वाया है, लेकिन एलडीए टीम तय समय पर मौके पर जाएगी। वहां अभी बाउंड्री वॉल नहीं तोड़ी गई है। इसे भी तोड़कर वहां पार्क बनाया जाएगा, जिससे इस जमीन का पूरा इस्तेमाल हो सके।
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