पहले समर्थन किया और अब नोटबंदी से परेशान हुए आंध्र के सीएम, जानिए क्या है असली वजह
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चन्द्र बाबू नायडू : फ़ाइल फोटो : साभार |
नायडू ने कहा कि मैं इस समस्या पर सिर खपा रहा हूं लेकिन कोई हल नहीं मिल पा रहा है. आपको बता दें कि इससे पहले नायडू मोदी सरकार के इस फैसले की तारीफ कर चुके हैं. चंद्रबाबू ने विजयवाड़ा में अपनी पार्टी के सांसदों, विधायकों, विधान पार्षदों और अन्य नेताओं के एक कार्यशाला को संबोधित करते हुए ये बातें कही.
आंध्र के मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों को अपनी बुनियादी जरूरत की चीजें खरीदने के लिए नई करेंसी नहीं मिल पा रही है जो काफी चिंता का विषय है. बैंक तथा एटीएम में रोज कैश की किल्लत नजर जा रही है. उन्होंने आगे कहा कि नोटबंदी के कारण हो रही परेशानियों को कम करने के बारे में मैं रोजाना दो घंटे वक्त देता हूं.... मैं रोज अपना सिर फोड़ता हूं...लेकिन समस्या का समाधान ढूंढने में असफल हूं.
चंद्रबाबू नायडू ने आरबीआई को भी सवालों के घेरे में खड़ा किया और कहा कि जिन लोगों को नोटबंदी के संकट के प्रबंधन में लगाया गया है, वे कुछ भी करने के काबिल नहीं है. आरबीआई भी इस मामले में कुछ करने में सक्षम नजर नहीं आ रहा है. यह अब बेहद संवेदनशील और जटिल समस्या बनता जा रहा है.
नायडू ने कहा कि हमने नोटबंदी की चाह नहीं रखी थी, लेकिन ऐसा हुआ. नोटबंदी के 40 दिनों से अधिक बीत जाने के बाद भी बहुत सी परेशानियां हैं, लेकिन अभी भी हल निकलता नहीं दिख रहा है. यहां उल्लेख कर दें कि चंद्रबाबू नायडू नोटबंदी पर गौर करने के लिए बनी 13-सदस्यीय केंद्रीय समिति के प्रमुख भी हैं.
यहां बता दें कि जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी की घोषणा की थी तो उसके बाद चंद्रबाबू नायडू ने इसका समर्थन किया था और इस फैसले का क्रेडिट भी लिया था. उन्होंने नोटबंदी के अगले ही दिन सोशल मीडिया पर नोटबंदी के लिए क्रेडिट लेते हुए ट्वीट किया था कि यह तेलुगू देशम पार्टी की नैतिक जीत है. नायडू 12 अक्टूबर को नोटबंदी के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र भी लिख चुके हैं.
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