बर्लिन हमले की जिम्मेदारी इस आतंकी संगठन ने ली, आप भी पढ़िए

बर्लिन हमले की फ़ाइल फोटो : साभार

आशंका के मुताबिक बर्लिन हमले की जिम्मेदारी अब आतंकी गुट इस्लामिक स्टेट (आइएसआइएस) ने ले ली है. संगठन का कहना है कि यह हमला उसके एक सैनिक ने किया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस्लामिक स्टेट के एक सैनिक ने गठबंधन देशों के नागरिकों को निशाना बनाने की एक अपील के जवाब में बर्लिन में हमला किया, जिसमें 12 लोग मारे गए और दर्जनों घायल हुए.

जर्मनी की राजधानी बर्लिन के एक व्यस्त क्रिसमस बाजार में सोमवार की देर रात 23 वर्षीय पाकिस्तानी युवक नावेद बी ने एक ट्रक से दर्जनों लोगों को रौंद दिया. इसमें 12 लोगों की मौत हो गयी और 50 अन्य घायल हो गये. घायलों में 18 लोगों की हालत गंभीर है. हमलावर ने पोलैंड नंबर प्लेटवाले ट्रक को कैसर विलहेम मेमोरियल गिरजाघर के सामने के पारंपरिक क्रिसमस बाजार में घुसा दिया. मौके पर बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे. वाहन बाजार के भीतर करीब 80 मीटर तक घुस गया और कई लोग इसकी चपेट में आ गये तथा कई दुकानें भी ढह गयीं. इसके बाद चारों ओर चिल्लाने की आवाजें आने लगी. पूरा बाजार खून और शव से पट गया.

जर्मनी के गृह मंत्री थॉमस दी मैजेरे ने कहा कि यह संदिग्ध पाकिस्तानी हमलावर है. वह शरण मांगते हुए 31 दिसंबर, 2015 को जर्मनी पहुंचा था. हमें कोई संदेह नहीं है कि यह घटना एक हमला है. हालांकि, पाकिस्तानी युवक ने इस घटना से इनकार किया है. वहीं, जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल ने इस ‘आतंकी’ घटना के लिए सख्त से सख्त सजा का संकल्प किया है.

पुलिस के अनुसार, काले रंग का ‘स्कैनिया’ ट्रक पोलैंड की एक परिवहन कंपनी का है. संदेह है कि इसे किसी निर्माण स्थल से चुराया गया था. वाहन के ड्राइवर के कैबिन में दो लोग मौजूद थे और वाहन रुकने के बाद ड्राइवर नीचे कूद गया और फरार हो गया. हालांकि, स्पष्ट नहीं हुआ है कि गिरफ्तार किया गया व्यक्ति वाहन का चालक है. इस हमले के लिए जिम्मेदार व्यक्ति शायद अब भी फरार है और ऐसे में क्रिसमस से पहले खतरा बढ़ गया है. पुलिस ने बताया कि ट्रक के भीतर पोलैंड के एक नागरिक का शव बरामद किया गया. समझा जा रहा है कि मृतक ट्रक का पंजीकृत चालक था.


कई यूरोपीय देशों में हाई अर्लट
बर्लिन हमले के मद्देनजर फ्रांस, जर्मनी समेत कई यूरोपीय देशों में सुरक्षा बढ़ा दी गयी है. क्रिसमस के मद्देनजर सभी बाजारों को हाई अर्लट पर रखा गया है. पेरिस एवं ब्रसेल्स में हुए आतंकी हमलों के कारण वर्ष 2016 में अधिकांश समय यूरोप में हाई अलर्ट रहा है.
 
नीस हमले की याद दिलायी
14 जुलाई, 2016 को फ्रांस के नीस शहर में एक हमलवार ने भीड़ पर एक लॉरी के चढ़ा दिया, जिसमें 86 लोगों की मौत हो गयी थी. नीस हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन आइएस ने ली थी. इसी हमले की तरह बर्लिन के क्रिसमस बाजार में यह हमला हुआ है.

सभी जगह बिखरे पड़े हैं खून और शव
ऑस्ट्रेलियाई प्रत्यक्षदर्शी तृषा ओनील ने ऑस्ट्रेलियाई ब्राडकास्टिंग कॉरपोरेशन को बताया कि जब ट्रक भीड़ भरे बाजार में घुसा, तो उस समय वह घटनास्थल से कुछ ही मीटर की दूरी पर थी. मैंने तेज गति से आते बड़े काले ट्रक को देखा, जिसने बाजार में घुस कर कई लोगों को रौंद दिया और तभी लाइटें बंद हो गयीं तथा सबकुछ नष्ट हो गया. मैं चीखने- चिल्लाने की आवाज सुन सकती थी और हम सभी सहम गये.


भारत समेत कई देशों ने की निंदा
भारत, चीन, फ्रांस अमेरिका समेत कई देशों ने बर्लिन और तुर्की के अंकारा में रूस के राजदूत आंद्रेई कार्लोव की हत्या की निंदा की है. विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत तुर्की में रूसी संघ के राजदूत की त्रासदीपूर्ण हत्या की कड़ी निंदा करता है. हम इस कायरतापूर्ण कृत्य से अत्यंत दु:खी एवं स्तब्ध हैं.

आतंकियों को खत्म कर देना चाहिए : ट्रंप
अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि हम एक कट्टरपंथी इसलामी आतंकवादी द्वारा मारे गये तुर्की में रूस के राजदूत आंद्रेई कार्लोव के परिजनों एवं प्रियजनों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हैं. हमारी संवेदनाएं बर्लिन में हुए भयावह आतंकवादी हमले के पीड़ितों के परिजनों के साथ हैं. अब हमें आइएस और अन्य इसलामी आतंकवादी संगठनों को इस धरती से खात्मा कर देना चाहिए.



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