इस बड़े नेता का गुस्सा फूटा, बोले-नोटबंदी पर बहस नहीं हुई तो संसद हार जाएगी

वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी
वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी का आक्रोश आज फिर से फूट पड़ा. उन्होंने अपने गुस्से का इजहार संसद में कुछ सांसदों के साथ बातचीत में किया. बोले- नोटबंदी के मुद्दे पर चर्चा किए बिना अगर कल भी लोकसभा अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो गई तो संसद हार जाएगी. 

आडवाणी ने हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित होने के बाद आक्रोश जताते कुछ अन्य दलों के सांसदों से बातचीत में कहा कि मेरा तो मन कर रहा है कि इस्तीफा दे दूं। उन्होंने कहा कि सदन में नोटबंदी के मुद्दे पर चर्चा जरूर होनी चाहिए। कल चर्चा कर शांति से सदन को स्थगित कर दें, बिना किसी जीत हार के. सब को लगी है, मैं जीतूँ, मैं जीतूँ, लेकिन अगर कल भी ऐसे ही हंगामे के बीच सदन स्थगित हो गया तो हम सब की बहुत बदनामी होगी।

नोटबंदी के मुद्दे पर विपक्ष और सत्ता पक्ष के सदस्यों के भारी हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही करीब सवा 12 बजे स्थगित होने के बाद भी आडवाणी सदन में करीब 20 मिनट तक गंभीर चिंतन की मुद्रा में बैठे रहे. सदन स्थगित होने पर तृणमूल कांग्रेस के इदरीस अली उनकी सीट पर गए और उन्हें प्रणाम किया. इस बीच विपक्ष के कुछ और सदस्य भी आडवाणी की सीट के पास आ गए.

वहां मौजूद कुछ पत्रकारों ने इदरीस अली के साथ बातचीत में आडवाणी को यह कहते हुए सुना कि उन्होंने गृह मंत्री राजनाथ सिंह से कहा था कि मेरा नाम लेकर लोकसभा अध्यक्ष से कहिए कि सत्ता पक्ष और कांग्रेस की ओर से किसी एक नेता को आज बुला लें और यह तय कर लें कि कल सदन चले.

आडवाणी ने कहा कि स्पीकर को दोनों पक्षों को बुलाकर आज ही यह तय कर लेना चाहिए था कि सदन कल कैसे चलेगा. उन्होंने कहा कि कल भी ऐसे ही बिना चर्चा किए हंगामे के बीच सदन अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो गया तो सबकी बदनामी होगी. उन्होंने नोटबंदी को लेकर सदन में पिछले करीब तीन सप्ताह से जारी गतिरोध के संबंध में कहा कि ऐसी स्थिति पहले कभी नहीं आई थी. उन्होंने इस बात पर अफसोस जताया कि इस सत्र में एक दिन भी सदन ठीक से नहीं चला. इदरीस के अलावा महाराष्ट्र के भंडारा गोंडिया सीट से भाजपा के सांसद नाना पटोले भी खड़े थे.

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