चुनाव परिणाम आते ही डर गई थीं, अब ट्रंप के एडवाइजरी काउन्सिल में शामिल
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इंदिरा नूयी, फ़ाइल फोटो : साभार |
यह जानकारी भारत के लिए सुखद है. हालाँकि, इंदिरा नूयी ने ट्रंप की जीत के बाद सुरक्षा को लेकर चिंता जताई थी. उन्होंने कहा था, 'मेरी बेटियां, कंपनी के इम्प्लॉइज और अश्वेत लोगों में अपनी सिक्युरिटी को लेकर डर बैठ गया है. ये लोग मुझसे पूछ रहे हैं कि क्या हम अमेरिका में सेफ हैं?' यूएस प्रेसिडेंशियल चुनाव में ट्रम्प ने हिलेरी को हरा दिया था. ट्रम्प जनवरी में अमेरिका के 45वें राष्ट्रपति पड़ की शपथ लेंगे.
न्यूयॉर्क टाइम्स की डील बुक कॉन्फ्रेंस में नूयी ने कहा था, " 9 नवंबर के बाद मैं लगातार कई सवालों का जवाब दे रही हूं. ये सवाल मेरी बेटियां और मेरे इम्प्लॉइज की तरफ से पूछे गए. वे दुखी हैं. हमारे इम्प्लॉइज रो रहे थे, खासकर वो जो अश्वेत हैं".
इंदिरा नूयी ने कहा था, "मैंने कभी नहीं सोचा था कि मुझे इस तरह के सवालों के जवाब देने होंगे. लोग तनाव में हैं. लोगों को यह भरोसा दिलाना होगा कि वे इस देश में सुरक्षित हैं. हमें लोगों को यह बताना होगा कि इस इलेक्शन से देश में कुछ नहीं बदला है. जैसा माहौल पहले था, वैसा ही आज है. हमने इलेक्शन डिबेट में जो सुना, वह सिर्फ इलेक्शन तक था. हम सब एक हैं. हमें ट्रम्प को बधाई देनी चाहिए. क्लिंटन के सपोर्टर दुखी हो सकते हैं, लेकिन जिंदगी तो चलती रहती है. यह सब डेमोक्रेसी का एक पार्ट है."
इंदिरा नूयी ने कहा था, "मैंने कभी नहीं सोचा था कि मुझे इस तरह के सवालों के जवाब देने होंगे. लोग तनाव में हैं. लोगों को यह भरोसा दिलाना होगा कि वे इस देश में सुरक्षित हैं. हमें लोगों को यह बताना होगा कि इस इलेक्शन से देश में कुछ नहीं बदला है. जैसा माहौल पहले था, वैसा ही आज है. हमने इलेक्शन डिबेट में जो सुना, वह सिर्फ इलेक्शन तक था. हम सब एक हैं. हमें ट्रम्प को बधाई देनी चाहिए. क्लिंटन के सपोर्टर दुखी हो सकते हैं, लेकिन जिंदगी तो चलती रहती है. यह सब डेमोक्रेसी का एक पार्ट है."
असल में अमेरिका में कई कम्युनिटीज का मानना है कि ट्रम्प उनके सिविल और ह्यूमन राइट्स खत्म कर देंगे.
ट्रम्प के आक्रामक इलेक्शन कैम्पेन से लोगों में डर का माहौल बना था. उन्होंने कैम्पेन के दौरान मुस्लिमों के खिलाफ कड़ा बयान दिया था. देश में मुसलमानों के आने पर रोक की मांग की थी. इससे भी भय पैदा हुआ.
ऐसी भी खबरें आईं कि ट्रम्प एडमिनिस्ट्रेशन 30 लाख अप्रवासी लोगों को अमेरिका से बाहर जाने के लिए कह सकता है.
मीडिया रिपोर्ट्स मुताबिक, स्पेसएक्स के चेयरमैन और सीईओ एलॉन मस्क, उबेर टेक्नोलॉजीज के सीईओ और को-फाउंडर ट्रविस कालनिक को भी ट्रम्प की काउंसिल में शामिल किया गया है. एडवाइजरी काउंसिल में कई अन्य टॉप बिजनेस लीडर्स भी शामिल हैं. काउंसिल का मकसद ट्रम्प को प्राइवेट सेक्टर पर इंडस्ट्री का इनपुट देना है। ट्रम्प 20 जनवरी को चार्ज संभालेंगे.
ट्रम्प के आक्रामक इलेक्शन कैम्पेन से लोगों में डर का माहौल बना था. उन्होंने कैम्पेन के दौरान मुस्लिमों के खिलाफ कड़ा बयान दिया था. देश में मुसलमानों के आने पर रोक की मांग की थी. इससे भी भय पैदा हुआ.
ऐसी भी खबरें आईं कि ट्रम्प एडमिनिस्ट्रेशन 30 लाख अप्रवासी लोगों को अमेरिका से बाहर जाने के लिए कह सकता है.
स्पेसएक्स के चेयरमैन भी काउंसिल में
मीडिया रिपोर्ट्स मुताबिक, स्पेसएक्स के चेयरमैन और सीईओ एलॉन मस्क, उबेर टेक्नोलॉजीज के सीईओ और को-फाउंडर ट्रविस कालनिक को भी ट्रम्प की काउंसिल में शामिल किया गया है. एडवाइजरी काउंसिल में कई अन्य टॉप बिजनेस लीडर्स भी शामिल हैं. काउंसिल का मकसद ट्रम्प को प्राइवेट सेक्टर पर इंडस्ट्री का इनपुट देना है। ट्रम्प 20 जनवरी को चार्ज संभालेंगे.
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