नोटबंदी के बाद आप ने आयकर रिटर्न में संशोधन तो नहीं फ़ाइल किया ?
बोर्ड ने एक बयान में कहा कि रिटर्न में संशोधन का प्रावधान मूल रिटर्न में कोई भूल-चूक या गलत जानकारी में सुधार के लिये किया गया है न कि पूर्व की अघोषित आय को दिखाने के लिये शुरू में घोषित आय में व्यापक रूप से बदलाव के लिये.
बयान के अनुसार अगर विभाग के नोटिस में पिछले साल के आईटीआर (आयकर रिटर्न) में आय की मात्रा, नकदी, लाभ आदि तथा खातों में किसी प्रकार की गड़बड़ी सामने आती है तो उसकी जांच की जाएगी ताकि सही आय का पता लगाया जा सके. ऐसे मामलों में कानून के प्रावधानों के अनुसार जुर्माना तथा अभियोजन चलाया जा सकता है. आयकर कानून की धारा 139 (5) के तहत संशोधित आईटीआर तभी भरा जा सकता है जब संबंधित व्यक्ति को कोई भूल-चूक या गलत बात का पता चलता है. सरकार को अंदेशा है कि 8 नंवबर 2016 के बाद से कुछ लोगों ने आईटीआर में मिली इस छूट का गलत इस्तेमाल किया है।
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