वे दोस्त हैं, लेकिन गठबंधन का फैसला न राहुल कर सकते हैं न ही मैं
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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की फ़ाइल फोटो साभार |
लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में अल्पसंख्यक अधिकार दिवस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि समाजवादी सरकार ने अपनी सभी योजनाओं में अल्पसंख्यकों को 20 प्रतिशत कोटा देकर जो शुरुआत की है, उसे संविधान में भी जगह मिलनी चाहिए. उन्होंने अल्पसंख्यकों को 20 % आरक्षण के सवाल पर कहा कि जब उनकी सरकार ने समाजवादी पेंशन का प्रस्ताव तैयार किया और उसमें अल्पसंख्यकों को 20 फीसदी कोटा देने की बात तय की तो कुछ लोग अदालत चले गए थे, मगर हाईकोर्ट के समक्ष जब प्रदेश सरकार की ओर से तर्क पेश किये गए तो अदालत भी सहमत हुई. उसके बाद प्रदेश सरकार की सभी प्रमुख योजनाओं में अल्पसंख्यकों को 20 फीसदी अनिवार्य हिस्सेदारी तय की गयी. उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यकों को जो हक मिलना चाहिए था, वह अभी नहीं मिला है.
सीएम अखिलेश में कार्यक्रम में नोटबंदी पर कड़ा प्रहार किया और बीजेपी पर निशाना साधा. उन्होंने कहा हमारे विपक्षी बहुत कमजोर दिखाई दे रहे हैं. जिनसे उन्होंने अच्छे दिनों का वादा किया था उन्हें आज बैंक की लाइन में खड़ा कर दिया है. जनता इससे नाराज है, वह सब देख रही है, वो ही विपक्षियों को सबक सिखाएगी. मुख्यमंत्री ने कहा नोटबंदी ने देश को एक साल पीछे कर दिया है. उत्तर प्रदेश समेत सभी पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव में केन्द्र सरकार के खिलाफ वोट पड़ेगा, जो जनता को तकलीफ दे रहे हैं, जनता उन्हें चुनाव में जरुर जवाब देगी.
सपा और कांग्रेस के गठबंधन पर उन्होंने कहा कि इसका फैसला नेता जी लेंगे। उन्होंने कांग्रेस के साथ गठबंधन की बात को शुभ संकेत माना है. उन्होंने कहा कि हम तो विधानसभा चुनाव में कांग्रेस से गठबंधन के लिए तैयार हैं, लेकिन गठबंधन का फैसला तो नेता जी और संगठन चलाने वालों को लेना है. उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस से गठबंधन का उनका सुझाव माना गया तो 300 से ज्यादा सीटें हासिल करेंगे. मुख्यमंत्री ने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को अपना एक अच्छा दोस्त मानते हुए कहा कि वह दोनों ही गठबंधन के लिए सुझाव दे सकते हैं, लेकिन फैसला लेने की स्थिति में वह दोनों ही नहीं हैं.
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