पढ़िए मोदी सरकार ने अब किसको और कैसे चेताया ?
उन्होंने कहा कि इस नोटबंदी से भविष्य में प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष कर दरों में कमी आएगी. उन्होंने कहा नोटबंदी की वजह से बेहिसाब संपत्ति तंत्र में आ रही है, परिणामस्वरूप सरकार का राजस्व बढ़ेगा.
सरकार ने आठ नवंबर को एक झटके में उच्च मूल्य वर्ग के नोटों को बंद कर दिया. उसके इस आदेश से अर्थव्यवस्था में चल रही 86 प्रतिशत राशि के नोट चलन से बाहर हो गये. सरकार ने बंद किये गये नोटों को इस साल की समाप्ति से पहले अपने बैंक खातों में जमा कराने की अनुमति दी है. दूसरी तरफ बैंकों से नई करेंसी वितरित की जा रही है.
बैंक खातों में जो भी धन जमा कराया गया है उसका हिसाब-किताब देना होगा और उस पर कर भुगतान करना होगा। ऐसे बेहिसाब धन की स्वैच्छिक जानकारी देने पर 50 प्रतिशत की दर से कर देना होगा जबकि खुलासा नहीं करने पर 85 प्रतिशत की दर से कर लिया जायेगा। उन्होंने कहा, इस तरह से काफी धन जो कि आर्थिक तंत्र में खुली नकदी के तौर पर इस्तेमाल होता रहा है, अब बैंकिंग तंत्र में आ गया है. उन्होंने कहा, इसका पूरा हिसाब किताब होना चाहिये और जहां कर नहीं लिया गया है वहां कर वसूला जायेगा.
जेटली ने कहा कि भविष्य में ज्यादातर लेनदेन डिजिटल प्रणाली के जरिये होगा. भारत कम नकदी वाली अर्थव्यवस्था बनने की तरफ बढ़ रहा है। जैसे ही डिजिटल लेनदेन बढ़ेगा वह कर दायरे में आ जायेंगे और इस लिहाज से भविष्य में कर का स्तर भी मौजूदा स्तर के मुकाबले काफी उंचा होगा. इससे सरकार को किसी स्तर पर कर दरों को भी अधिक तर्कसंगत बनाने का अवसर मिलेगा. प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष दोनों में ही यह होगा.
सरकार ने आठ नवंबर को एक झटके में उच्च मूल्य वर्ग के नोटों को बंद कर दिया. उसके इस आदेश से अर्थव्यवस्था में चल रही 86 प्रतिशत राशि के नोट चलन से बाहर हो गये. सरकार ने बंद किये गये नोटों को इस साल की समाप्ति से पहले अपने बैंक खातों में जमा कराने की अनुमति दी है. दूसरी तरफ बैंकों से नई करेंसी वितरित की जा रही है.
बैंक खातों में जो भी धन जमा कराया गया है उसका हिसाब-किताब देना होगा और उस पर कर भुगतान करना होगा। ऐसे बेहिसाब धन की स्वैच्छिक जानकारी देने पर 50 प्रतिशत की दर से कर देना होगा जबकि खुलासा नहीं करने पर 85 प्रतिशत की दर से कर लिया जायेगा। उन्होंने कहा, इस तरह से काफी धन जो कि आर्थिक तंत्र में खुली नकदी के तौर पर इस्तेमाल होता रहा है, अब बैंकिंग तंत्र में आ गया है. उन्होंने कहा, इसका पूरा हिसाब किताब होना चाहिये और जहां कर नहीं लिया गया है वहां कर वसूला जायेगा.
जेटली ने कहा कि भविष्य में ज्यादातर लेनदेन डिजिटल प्रणाली के जरिये होगा. भारत कम नकदी वाली अर्थव्यवस्था बनने की तरफ बढ़ रहा है। जैसे ही डिजिटल लेनदेन बढ़ेगा वह कर दायरे में आ जायेंगे और इस लिहाज से भविष्य में कर का स्तर भी मौजूदा स्तर के मुकाबले काफी उंचा होगा. इससे सरकार को किसी स्तर पर कर दरों को भी अधिक तर्कसंगत बनाने का अवसर मिलेगा. प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष दोनों में ही यह होगा.
Comments
Post a Comment