सरकार ने दी सफाई : नोटबंदी के बाद राजनीतिक दलों को किसी भी तरह की छूट नहीं

वित्त मंत्री अरुण जेटली : फ़ाइल फोटो साभार

चहुँओर घेराबंदी के बाद केन्द्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने राजनीतिक दलों को कर छूट पर संदेह की स्थिति को दूर करते हुए शनिवार को कहा कि वे 500 और 1000 रुपए के पुराने नोटों में चंदा स्वीकार नहीं कर सकते क्योंकि उन्हें पिछले महीने ही अस्वीकार कर दिया गया था. उन्होंने स्पष्ट किया कि कोई भी नई छूट नहीं दी गई है.

जेटली ने कहा कि पंजीकृत राजनीतिक दलों की आय पर ऐतिहासिक रूप से दी जाने वाली सशर्त टैक्स छूट जारी है और आठ नवंबर को नोटबंदी की घोषणा के बाद या पिछले ढ़ाई वर्षों में कोई नई छूट या रियायत नहीं दी गई है.उन्होंने एक बयान में कहा, ‘नोटबंदी के बाद कोई राजनीतिक दल 500 या 1000 रुपए के नोटों में चंदा स्वीकार नहीं कर सकता क्योंकि उन्हें अवैध घोषित किया गया है.ऐसा करने वाला कोई भी दल कानून का उल्लंघन करेगा.

जेटली ने कहा कि किसी भी अन्य की तरह राजनीतिक दल बैंकों को 30 दिसंबर तक पुराने नोटों में रखी गई नकदी जमा करा सकते है, ‘बशर्ते वे संतोषजनक रूप से आय के स्रोत का संतोषजनक उत्तर दें और उनकी खाता पुस्तिका आठ नवंबर से पहले की प्रविष्टियां दर्शाती हो.यदि राजनीतिक दलों की पुस्तिकाओं या रिकॉर्ड में कोई असंगति पाई जाती है तो आयकर अधिकारी अन्य लोगों की तरह उनसे भी पूछताछ कर सकते हैं.उन्हें कोई छूट नहीं है.

उल्लेखनीय है कि दो दिन पहले लोकसभा में इस आशय की जानकारी दी गई थी कि राजनीतिक दल पुराने नोट चंदे के रूप में ले सकते हैं. इसके बाद सरकार की किरकिरी हो रही थी. आलोचकों का कहना था कि अपने लिए कोई कानून नहीं और आम लोगों के लिए कानून की भारी भीड़. माना जा रहा है कि केन्द्रीय मंत्री की ओर से इतनी लम्बी सफाई आलोचनाओं के बाद आई है.

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