अब भारत को कैशलेस की ओर कदम बढ़ाना ही होगा, जानिए क्यों ?

वित्त मंत्री अरुण जेटली : फ़ाइल फोटो साभार

अगर आप को ग़लतफ़हमी है कि रिजर्व बैंक चलन से बाहर हुई करेंसी के बराबर के नोट दोबारा बाजार में उतारेगी, तो भूल जाइए. सरकार ऐसा बिल्कुल नहीं करने वाली है. इसकी भरपाई सरकार डिजिटल करेंसी से करने का प्रयास करेगी. सरकार की इस पहल से साफ पता चल रहा है कि देश को अब कैशलेस व्यवस्था को अपनाना होगा. उसके सामने कोई और विकल्प नहीं आने वाला है.

फिक्की की 89 वीं सलाना बैठक में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने केन्द्र सरकार के नोटबंदी के फैसले को साहसिक बताते हुए कहा कि अर्थव्यवस्था बेहतरीन प्रदर्शन कर रही है. उन्होंने कहा, 'अगर हम बढ़ती हुई अर्थव्यवस्थाओं में भारत को देखें तो मुझे लगता है कि इसमें दुनिया के अन्य देशों से ज्यादा अच्छे बदलाव आ रहे हैं. 

कुछ साल पहले तक भारत को दुनिया की पांच अस्थिर अर्थव्यवस्थाओं में गिना जाता था. आज उभरती हुई शक्तियों में भारत को गिना जा रहा है.' जेटली ने कहा कि रिजर्व बैंक रोज नए नोट सप्लाई कर रहा है और जल्द ही मुश्किल खत्म हो जाएगी. उन्होंने कहा कि डिजिटल पेमेंट धीरे-धीरे रफ्तार पकड़ रही है। पिछले 5 सप्ताह में चीजें सुधरी हैं. मालूम हो कि नोटबैन के कारण 15.44 लाख करोड़ की करंसी चलन से बाहर हुई है.
 
जेटली के मुताबिक, पैदा हुए गैप की भरपाई डिजिटल करंसी से की जाएगी। साफ है कि सरकार की कोशिश अब कैशलेस इकॉनमी बनाने की है. ऐसे में डिजिटल करंसी और दूसरे इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों को बढ़ावा दिया जाएगा. उन्होंने कहा, 'देश के दीर्घकालीन लाभ के लिए कुछ फैसले लिए गए हैं, जो पहले नहीं हो पा रहे थे.' जेटली के मुताबिक, देश भविष्य में शानदार बढ़त हासिल करने के लिए उचित जगह पर खड़ा है. 

उन्होंने कहा कि अगर वैश्विक स्थिति से तुलना करें तो भारत की अर्थव्यवस्था के आंकड़े दुनिया में सबसे बेहतर हैं. जीएसटी पर जेटली ने कहा कि यह बिल पास होना हमारी बड़ी कामयाबी है. वित्त मंत्री ने कहा, 'जीएसटी काउंसिल द्वारा 10 बड़े फैसले लिए जा चुके हैं लेकिन अभी भी कई निर्णय लेने हैं. जेटली ने यह भी बताया कि 16 सितंबर 2017 को टैक्स की मौजूदा व्यवस्था बंद हो जाएगी.

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