'वरदा' के बहाने समुद्री तूफान और देश में उपलब्ध चेतावनी सिस्टम के बारे में जानने को जरुर पढ़ें
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प्रतीकात्मक फोटो |
बंगाल की खाड़ी से उठे भीषण समुद्री तूफान 'वरदा' से निपटने के लिए तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश की सरकारें जी-जान से जुटी हुई हैं. केंद्र से भी इन्हें जरुरी मदद दी जा रही है. चेन्नई में तेज हवाओं के साथ बारिश शुरू हो गई है. इसी के साथ यह जानना रोचक होगा कि आखिर कैसे पता चलता है इन तूफानों के बारे में और सरकारी तंत्र कैसे सतर्क करता है समुद्री जहाजों, मछुआरों और किनारों पर रहने वालों को ?
मौसम विभाग के अनुसार, सभी बंदरगाहों पर साइक्लोन सिग्नल दे दिए गए हैं. ‘साइक्लोन सिग्नल’ का सामान्य अर्थ है चक्रवाती तूफान आने संबंधित संकेत. ये साइक्लोन सिग्नल 11 कटेगरी में विभाजित किये गए हैं.
बंदरगाहों पर चेतावनी संकेतक
चक्रवाती तूफान से सचेत करने के लिए बंदरगाहों पर स्थायी तौर पर चेतावनी के तौर पर कुछ चिन्ह तय किए जाते हैं, ताकि समुद्र में जहाजों को तुरंत सतर्क किया जा सके. कुछ देशों में झंडे लहराए जाते हैं, लेकिन अपने देश में दिन और रात के लिए अलग तरह के चिन्हों का उपयोग होता है. दिन के संकेतों में सिलिंडर और कोन होते हैं जबकि रात में लाल और सफेद लैंप दिखाए जाते हैं.
कोलकाता में लगा था पहला सिग्नल1864 में मछलीपटनम और कोलकाता में एक के बाद एक तूफानों के आने के बाद सरकार ने साइक्लोन वार्निंग सिस्टम स्थापित करने का निर्णय लिया था। इसके बाद कोलकाता पहला पोर्ट था जहां तूफान के लिए वार्निंग सिस्टम लगाया गया था।
देश में है व्यापक ‘सिग्नल सिस्टम’भारत में 1 से 11 तक की व्यापक संकेत प्रणाली (सिग्नल सिस्टम) है, जो सभी बंदरगाहों पर संभावित चक्रवाती तूफान के लिए जहाजों को पहले से चेतावनी देता है. मौसम विभाग आमतौर पर बंदरगाहों को एक दिन में चार बार सूचनाएं भेजता है और चक्रवाती तूफान के मामले में प्रत्येक तीन घंटे में एक बार सूचनाएं भेजने की व्यवस्था हैं.
सिग्नल एक : समुद्र से दूर स्थित कम दबाव वाले क्षेत्र में यह लागू होता है जहां सतही हवा 60 किमी प्रति घंटे की गति में होती है. इस सिग्नल का मतलब की बंदरगाह प्रभावित नहीं होगा, लेकिन हवा की गति थोड़ी तेज होने की चेतावनी दी जाती है.
सिग्नल दो : 60-90 किमी प्रति घंटे की तीव्रता वाली हवा के कारण समुद्र से दूर डिप्रेशन बन जाता है. यह सिग्नल जहाजों के लिए होता है कि वे बंदरगाहों से हट जाएं.
सिग्नल तीन : इसका मतलब होता है कि डिप्रेशन बन गया है और बंदरगाह को प्रभावित कर सकता है. 40-50 किमी प्रति घंटे की स्पीड से हवाओं के साथ बंदरगाह पर तूफान आने की आशंका है.
सिग्नल चार : समुद्र में गहरा डिप्रेशन होने के कारण बाद में बंदरगाह प्रभावित होने की आशंका है. 50-60 किमी प्रति घंटे की स्पीड से हवाएं चलेंगी. इस सिग्नल का संकेत है कि बंदगाहों पर खड़े जहाजों को खतरा है. बंदरगाह पर खराब मौसम के लिए सिग्नल 3 और 4 का प्रयोग होता है.
सिग्नल पांच : चक्रवाती तूफान में गहरे दबाव का संकेत देने वाला यह सिग्नल बताता है कि हवाएं 60-80 किमी प्रति घंटे की स्पीड वाली होंगी, जो बंदरगाह के बायीं ओर से तट को पार कर सकती हैं।
सिग्नल छह : सिग्नल 5 की तरह ही है, लेकिन इसमें तूफान बंदरगाह की दायीं ओर से तट को पार करने का संकेत देता है.
सिग्नल सात : सिग्नल 7 का मतलब है कि चक्रवाती तूफान बंदगाह के समीप से या पूरी तरह तट को पार करता हुआ बढ़ेगा. सिग्नल 5, 6 और 7 बंदरगाहों के लिए खतरे की ओर इशारा करते हैं.
सिग्नल आठ : यह काफी खतरनाक चेतावनी है, जिसका मतलब है कि अब काफी गंभीर रूप से साइक्लोन बंदरगाह की बायीं ओर से आगे बढ़ेगा. इस तूफान में चलने वाली हवा की गति 90 से 120 किमी प्रति घंटे की होगी।
सिग्नल नौ : सिग्नल 8 की तरह ही यह भी काफी खतरनाक चेतावनी है, जिसका मतलब है कि काफी गंभीर रूप से साइक्लोन बंदरगाह की दायीं ओर से आगे बढ़ेगा।
सिग्नल दस : सिग्नल 8 और 9 के बाद यह सिग्नल और अधिक खतरनाक है जिसका मतलब है काफी गंभीर रूप से साइक्लोन बंदरगाह के ऊपर से या इसके समीप तक आएगा. हवा की रफ्तार 220 किमी प्रति घंटे या इससे भी अधिक हो सकती है।
सिग्नल ग्यारह : इसका मतलब यह है साइक्लोन वार्निंग ऑफिस के पास सभी कम्युनिकेशन फेल हो गए हैं।
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