अब कार के सहारे सरकार वसूलेगी टैक्स, आंकड़े वाकई है चौंकाने वाले
![]() |
लग्जरी कार की प्रतीकात्मक फोटो |
देश की आबादी 125 करोड़. मतलब सवा अरब लेकिन 10 लाख से ज्यादा आय दिखाने वालों की संख्या 24 लाख से कुछ ही ज्यादा हैं. सिर्फ 48,417 लोगों ने ही 1 करोड़ से ज्यादा की आय दिखाई है. देश में हर साल 25 लाख नई कारें सड़कों पर आती हैं. इनमें से 35 हजार से ज्यादा लग्जरी कारें होती हैं. क्या विरोधाभास है आंकड़ों में ? चौंकाते भी हैं और यह भी बताते हैं कि इस देश में बड़ी संख्या में लोग कर की चोरी करते हैं. देश में सिर्फ 3.5 करोड़ लोग आयकर रिटर्न फाइल कर रहे हैं.
आंकड़ों के मुताबिक, साल 2014-15 में जिन 3.65 करोड़ लोगों ने टैक्स रिटर्न भरा उनमें से सिर्फ 5.5 लाख लोग ऐसे हैं, जिन्होंने 5 लाख से ज्यादा का टैक्स दिया. यह कुल टैक्स 57 फीसदी है. इसका एक मतलब यह भी हुआ कि 3.65 करोड़ लोगों में सिर्फ 1.5 फीसदी लोग 57 फीसदी टैक्स दे रहे हैं.
हर साल 25 लाख कार की बिक्री
हर साल 25 लाख कार की बिक्री
अगर टैक्स रिटर्न की तुलना कार की बिक्री से करें तो चौंकाने वाले आंकड़े सामने आएंगे. एक रिपोर्ट के मुताबिक पिछले 5 साल में हर साल 25 लाख या उससे ज्यादा कारें बिकी हैं.
इन आंकड़ों के आधार पर सरकार इस नतीजे पर पहुँच रही है कि इनमें कई लोग ऐसे हैं, जो कार खरीद रहे हैं और चल भी रहे हैं, लेकिन टैक्स नहीं दे रहे हैं. एक कार सामान्य तौर पर 7 साल चलती है और आम आदमी 5 साल में दूसरी कार नहीं खरीदता है.
इस सूरत में भी बीएमडब्लू, जगुआर, ऑडी, मर्सिडीज, पोर्शे और मासेराटी जैसी 35 हजार कारें हर साल बिक रही है. जो लोग रिटर्न फाइल कर रहे हैं उनमें 5.32 लाख लोग ऐसे हैं जिनकी आय 2 लाख से कम है. ऐसे में ये लोग टैक्स के दायरे में नहीं है.
जिन लोगों ने अपनी आय घोषित की है उसमें से 25.4 लाख लोगों ने अपनी आय 10 लाख दिखाई है. इसमें 1.47 लाख लोग ऐसे भी हैं जिनकी आय 50 लाख रुपए से ज्यादा है. साल 2014-15 में कुछ 1.61 करोड़ लोगों का टीडीएस कटा लेकिन इन्होंने रिटर्न नहीं भरा.
देश के जीडीपी में टैक्स से आय का 16.7 फीसदी हिस्सा है. अमेरिका में ये 25.4 और जापान में 30.3 फीसदी है. टैक्स विभाग के अधिकारी के मुताबिक आंकड़ों से पता चलता है कि बड़ी संख्या में ऐसे लोग हैं जिन्हें टैक्स देना चाहिए लेकिन वो इसे नहीं दे रहे हैं।
सरकार टैक्स चोरी के मामलों को गंभीरता से ले रही है। इनको पकड़ने के प्रयास जारी हैं। 8 नवंबर को नोटबंदी का फैसला भी इसमें से एक था। इसके जरिए लोगों के पास जो अवैध पैसा था वो बैंकों में जमा हो गया.
जिन लोगों ने अपनी आय घोषित की है उसमें से 25.4 लाख लोगों ने अपनी आय 10 लाख दिखाई है. इसमें 1.47 लाख लोग ऐसे भी हैं जिनकी आय 50 लाख रुपए से ज्यादा है. साल 2014-15 में कुछ 1.61 करोड़ लोगों का टीडीएस कटा लेकिन इन्होंने रिटर्न नहीं भरा.
देश के जीडीपी में टैक्स से आय का 16.7 फीसदी हिस्सा है. अमेरिका में ये 25.4 और जापान में 30.3 फीसदी है. टैक्स विभाग के अधिकारी के मुताबिक आंकड़ों से पता चलता है कि बड़ी संख्या में ऐसे लोग हैं जिन्हें टैक्स देना चाहिए लेकिन वो इसे नहीं दे रहे हैं।
सरकार टैक्स चोरी के मामलों को गंभीरता से ले रही है। इनको पकड़ने के प्रयास जारी हैं। 8 नवंबर को नोटबंदी का फैसला भी इसमें से एक था। इसके जरिए लोगों के पास जो अवैध पैसा था वो बैंकों में जमा हो गया.
Comments
Post a Comment