क्या वाकई बुंदेलखंड से चुनाव लड़ेंगे अखिलेश ?


उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव बुंदेलखंड से चुनाव लड़ सकते हैं. इस आशय के संकेत उन्होंने लखनऊ में आयोजित एक कार्यक्रम में दिए. उन्होंने कहा कि बुंदेलखंड की जनता चाहेगी तो उनका सम्मान करूँगा लेकिन अंतिम फैसला नेता जी ही करेंगे. उन्होंने कहा कि जनता की ओर से इस तरह का प्रस्ताव आया है। 
पर उन्होंने यह नहीं बताया कि बुंदेलखंड में किस जिले या इलाके की जनता की ओर से प्रस्ताव आया है. बता दें कि बुंदेलखंड के यूपी के हिस्से में सात जिले और बाँदा, झाँसी मंडल आते हैं. अब लोगों के लिए यह उत्सुकता का विषय है कि आखिर अखिलेश कहाँ से चुनाव लड़ेंगे? लोग खुश भी हैं कि शायद किसी बड़े नेता के चुनाव लड़ने-जीतने से इलाके का विकास कुछ गति पकड़ ले. मालूम हो कि यह पूरा इलाका बेहद पिछड़ा हुआ है. गरीबी, भुखमरी, सूखा यहाँ की नियति है.

अपनी पार्टी में परिवार के झगड़े, टिकट वितरण और गठबंधन से जुड़े सवालों के जवाब भी सीएम ने खुलकर दिए। सवाल हुआ कि मायावती कह रही हैं कि आप हताश हैं, इसलिए गठबंधन की बात कर रहे हैं. इस पर अखिलेश ने कहा कि हताश तो वह हैं, जो बार-बार टीवी पर आकर बताती हैं कि वह हताश नहीं हैं. कांग्रेस से गठबंधन में पेच कहां फंसा है, यह पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि राजनीति में जो बीच के लोग हैं, उनसे कुछ बातें छिपी रहें तो अच्छा है. प्रदेश को सेक्युलर सरकार की जरूरत है. बीजेपी वाले बहुत समझदार हैं, पता नहीं कब उसमें भी सर्जिकल स्ट्राइक कर दें.

कांग्रेस से गठबंधन के सवाल पर अखिलेश यादव ने कहा कि हम यूपी में बहुमत की सरकार बनाने जा रहे हैं. कांग्रेस भी साथ आ जाएगी तो 300 से ज्यादा सीटें लाएंगे. राहुल गांधी ने तो मान लिया है कि हमारी अगुआई में चुनाव लड़ा जाए लेकिन हमारी पार्टी तो मान ले. गठबंधन होगा या नहीं, यह नेताजी तय करेंगे. हम नेताजी को अपनी राय दे देंगे. चुनाव में टीम कप्तान की होगी या मैनेजर की? इस पर सीएम ने कहा कि मैं पार्लियामेंट्री बोर्ड की बैठक में सुझावों के साथ अपनी लिस्ट दे दूंगा. गठबंधन और टिकट वितरण पर अखिरी फैसला राष्ट्रीय अध्यक्ष लेंगे लेकिन मैं एक पर्ची पर लिखकर अपनी लिस्ट उन्हें जरुर दूंगा.

कौमी एकता दल के विलय पर अखिलेश ने कहा कि जब मैंने कहा था कि कौमी एकता दल का विलय नहीं होगा तब मैं अध्यक्ष था. अब मैं अध्यक्ष नहीं हूं. मुख्यमंत्री किसी को पार्टी में शामिल नहीं करवाता. फिर सवाल हुआ कि आप को बिना बैट के चुनाव की पिच पर उतारा जा रहा है? इस पर अखिलेश का जवाब था, 'मैं पहले भी कह चुका हूं कि तलवार दे रहे हो तो चल भी सकती है. जो बैट छिपा रहे हो, वह छिन भी सकता है.' धक्का मारने वाले को टिकट दिए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि किसी को धक्का नहीं दिया था. कुछ लोग टीवी पर दिखने के लिए करीब आ जाते हैं और कान में आकर बात करने लगते हैं. अभी टिकट फाइनल नहीं हुए हैं, मैं सुझाव दूंगा.

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