अमेरिका ने दिया पाकिस्तान को करारा झटका, भारत से मिलाया हाथ
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अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा : फ़ाइल फोटो |
इस बजट में भारत के साथ रक्षा सहयोग बढ़ाने पर जोर देते हुए पाकिस्तान को दी जाने वाली मदद के लिए कड़ी शर्ते रखी गई है. अगले महीने अपना कार्यकाल पूरा कर रहे ओबामा अभी परिवार के साथ हवाई में छुट्टियां मना रहे हैं. वहीं उन्होंने राष्ट्रीय रक्षा अधिकरण कानून (एनडीएए) 2017 पर दस्तखत किए. सीनेट की सशस्त्र सेवा समिति के अध्यक्ष जॉन मैक्केन ने बजट की खास बातों को जारी करते हुए कहा कि इससे अमेरिका और भारत के बीच रक्षा सहयोग बढ़ेगा.
बजट में अमेरिकी रक्षा और विदेश मंत्री से भारत की 'प्रमुख रक्षा भागीदार' के रूप में पहचान के लिए जरूरी कदम उठाने को कहा गया है. दोनों देशों की एजेंसियों के बीच बेहतर समन्वय, रक्षा क्षेत्र से जुड़े अधिग्रहण, तकनीक को मजबूत और सुनिश्चित करने के लिए अलग से शीर्ष अधिकारी की नियुक्ति का प्रावधान किया गया है. इससे दोनों देशों के बीच लंबित मसलों को हल करने, सुरक्षा सहयोग बढ़ाने और साझा-उत्पादन के मौके बढ़ाने में मदद मिलेगी.
बजट में कहा गया है कि पाकिस्तान को तभी वित्तीय मदद मिलेगी जब वह हक्कानी नेटवर्क के खिलाफ कार्रवाई का सुबूत देगा.
गठबंधन मदद कोष (सीएसएफ) से पाकिस्तान को अमेरिका से 90 करोड़ डॉलर (करीब 61 सौ करोड़ रुपये) की मदद मिलनी है. इनमें से 40 करोड़ डॉलर (करीब 27 सौ करोड़ रुपये) पाने के लिए उसे चार शर्ते पूरी करनी होगी. अमेरिकी रक्षा मंत्री को कांग्रेस में यह प्रमाणित करना होगा कि पाक हक्कानी नेटवर्क के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर रहा है. इस साल की शुरुआत में अमेरिकी रक्षा मंत्री एश्टन कार्टर ने पाकिस्तान को यह प्रमाण-पत्र देने से इन्कार कर दिया था कि वह हक्कानी नेटवर्क के खिलाफ सख्त कदम उठा रहा है.
इस कारण पाकिस्तान को सीएसएफ से 30 करोड़ डॉलर की मदद नहीं मिल पाई थी। आइएस के लिए 120 अरब डॉलर2017 के बजट में इस्लामिक स्टेट (आइएस) से निपटने के लिए 120 अरब डॉलर (करीब 81 सौ अरब रुपये) का प्रावधान किया गया है. सीरिया और इराक में अमेरिका फिलहाल गठबंधन सहयोगियों के साथ इस आतंकी संगठन के खिलाफ कार्रवाई कर रहा है.
गठबंधन मदद कोष (सीएसएफ) से पाकिस्तान को अमेरिका से 90 करोड़ डॉलर (करीब 61 सौ करोड़ रुपये) की मदद मिलनी है. इनमें से 40 करोड़ डॉलर (करीब 27 सौ करोड़ रुपये) पाने के लिए उसे चार शर्ते पूरी करनी होगी. अमेरिकी रक्षा मंत्री को कांग्रेस में यह प्रमाणित करना होगा कि पाक हक्कानी नेटवर्क के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर रहा है. इस साल की शुरुआत में अमेरिकी रक्षा मंत्री एश्टन कार्टर ने पाकिस्तान को यह प्रमाण-पत्र देने से इन्कार कर दिया था कि वह हक्कानी नेटवर्क के खिलाफ सख्त कदम उठा रहा है.
इस कारण पाकिस्तान को सीएसएफ से 30 करोड़ डॉलर की मदद नहीं मिल पाई थी। आइएस के लिए 120 अरब डॉलर2017 के बजट में इस्लामिक स्टेट (आइएस) से निपटने के लिए 120 अरब डॉलर (करीब 81 सौ अरब रुपये) का प्रावधान किया गया है. सीरिया और इराक में अमेरिका फिलहाल गठबंधन सहयोगियों के साथ इस आतंकी संगठन के खिलाफ कार्रवाई कर रहा है.
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