महीने भर से केवल शोर कर रहे हमारे माननीय, देखें आज क्या करते हैं ?

संसद की फोटो : साभार 

शीतकालीन सत्र का आज (शुक्रवार को) आखिरी दिन है. 16 नवम्बर से शुरू हुआ संसद का यह सत्र नोटबंदी के शोर के बीच ख़त्म होने को है लेकिन जनता की गाढ़ी कमाई का लाखों रुपया बर्बाद करने के बावजूद माननीयों ने धेले का काम नहीं किया. आज क्या होगा, यह देखने वाली बात होगी. लेकिन जो कुछ भी हो, महीने भर की भरपाई तो नहीं हो सकती.

शीतकालीन सत्र के समापन से एक दिन पहले गुरुवार को भी संसद के दोनों सदनों में जमकर हंगामा हुआ. जिसके चलते कोई कामकाज न हो सका. सत्तापक्ष और विपक्ष, दोनों के सदस्य नोटबंदी, भ्रष्टाचार और अन्य मुद्दों को लेकर एक-दूसरे पर आरोप लगाते रहे. लोकसभा में विपक्ष नोटबंदी पर और सत्तापक्ष अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर सौदे पर चर्चा की मांग करता रहा. दोनों सदनों में लगातार हंगामे से भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी को गुस्सा आ गया और उन्होंने कहा कि उन्हें लगता है कि वह संसद से इस्तीफा दे दें, क्योंकि यह कभी खत्म न होने वाला 'नरक' बना हुआ है.

उन्होंने गृहमंत्री राजनाथ सिंह से कहा कि वह लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन को सूचित कर दें कि उन्हें शुक्रवार को आठ नवंबर की नोटबंदी पर चर्चा सुनिश्चित करनी चाहिए. हालांकि यह बात आडवाणी ने संसद की कार्यवाही स्थगित हो जाने के बाद कही. लोकसभा की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया. जवाब में भारतीय जनता पार्टी के सदस्यों ने एक अखबार की क्लिपिंग दिखाते हुए नारेबाजी शुरू कर दी. लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने सदन में समाचार पत्रों की क्लिपिंग दिखाने को लेकर चेतावनी दी. इसके बाद सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई.

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