पाकिस्तानी जनरल ने भारत की ओर बढ़ाया दोस्ती का हाथ, जानिए पूरा माजरा
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प्रतीकात्मक फोटो : साभार |
गुलाम कश्मीर से गुजरने वाले इस गलियारे का निर्माण भारत की चिंताओं की अनदेखी कर हो रहा है.
सीपीईसी का हिस्सा बनने की अपील पाकिस्तानी सेना के दक्षिणी कमान के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल आमिर रियाज ने कहा कि भारत को इस्लामाबाद के साथ दुश्मनी छोड़कर ईरान, अफगानिस्तान और अन्य मध्य-एशियाई देशों के साथ सीपीईसी में शामिल होकर इसका फायदा उठाना चाहिए.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार क्वेटा में बलूचिस्तान फ्रंटियर कॉर्प्स के मुख्यालय में एक पुरस्कार वितरण समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने यह बात कही.यह बयान ऐसे वक्त में आया है जब भारत और पाक के बीच तनाव चरम पर है. पाकिस्तान अपने घर में आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देने का दोष नई दिल्ली पर मढ़ रहा है. भारत की कूटनीति के कारण वह वैश्विक मंचों पर अकेला पड़ रहा है. साथ ही सीपीईसी में भी अनियमितता और भ्रष्टाचार की रोज नई खबरें आ रही है.
क्या है सीपीईसी?
करीब तीन हजार किलोमीटर लंबा यह गलियारा चीन के शिनजियांग प्रांत के काशगर को पाकिस्तान के रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण बंदरगाह ग्वादर से जोड़ेगा. 46 अरब डॉलर (3128 अरब रुपये) की इस परियोजना से अरब सागर तक चीन की पहुंच आसान हो जाएगी. गलियारे का महत्व इस बात से समझा जा सकता है कि इसकी सुरक्षा के लिए विशेष बल होगा.
बलूचिस्तान पर चेताया
जनरल रियाज ने बलूचिस्तान में आजादी और मानवाधिकारों को लेकर उठ रही आवाजों को आतंक का नाम देते हुए लोगों को चेताया भी है. भारत का नाम लिए बिना उन्होंने कहा कि बलूचिस्तान के स्वनिर्वासित नेता पाकिस्तान के दुश्मन के वेतनभोगी हैं. दुबई, लंदन और जेनेवा में रहने वाले इन आतंकियों को दुश्मन भारी आर्थिक मदद देते हैं. बलूचिस्तान में सुरक्षा का जिम्मेदारी जनरल रियाज के नेतृत्व वाले कमान पर ही है.
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