नोटबंदी को एक महीने पूरे: जानिए क्या-क्या हुआ सस्ता
नोटबंदी को आज एक महीने पूरे हो गए. अर्थशास्त्र के जानकार बता ही रहे हैं कि हमारे जीवन पर इसके दूरगामी परिणाम आएंगे. सरकार समर्थकों का कहना है कि सकारात्मक और विरोधियों का कहना है कि नकारात्मक.
चूँकि, दोनों ओर अर्थशास्त्रियों की संख्या ठीक-ठाक है इसलिए यह समझना आम आदमी के लिए काफी मुश्किल है, कि असल सूरत क्या बनने वाली है.इस पूरे महीने का हासिल हिसाब केवल परेशानी के रूप में ही सामने आया है. हाँ, अब बैंकों में लाइन नहीं लग रही है.
जिस एटीएम में पैसा है, वहां जरुर पांच-दस लोग लाइन में दिख जाते हैं.लेकिन कुछ रोचक चीजें भी हुई हैं. मसलन, सोना, शेयर बाजार, फिक्स्ड डिपाजिट और रियल स्टेट में काफी मंदी देखी जा रही है. इस मंदी को फायदे के रूप में भी देखा जा सकता है. लेकिन जब जेब में माल है नहीं और बैंक निकलने देंगे नहीं और सामान्य भारतीय को इलेक्ट्रानिक पेमेंट अपनाने में समय लग रहा है, ऐसे में सस्ती हुई चीजों का फायदा उठा पाना आम भारतीय के लिए मुश्किल ही दिखता है.
हाँ, कारों की बिक्री जरुर बढ़ी हुई दिखाई दे रही है. पता नहीं, इसकी वजह नोटबंदी है या कुछ और. कंपनियों के आंकड़ों के मुताबिक नवंबर में मारुति की बिक्री में 12%, फोर्ड में 22% और रेनॉ इंडिया में 23% का इजाफा हुआ है। दोपहिया वाहनों में भी होंडा की बिक्री स्थिर रही जबकि यामाहा में 20% का इजाफा हुआ।
बुधवार को रिजर्व बैंक ने ब्याज दरों में कोई परिवर्तन नहीं किया. इससे भी आमजन परेशान हुए, क्योंकि बैंक में जमा रकम पर पुरानी दरों से ही ब्याज मिलने वाला है. रियल एस्टेट रिसर्च फर्म ‘प्रोइक्विटी सर्च’ ने देश के 42 शहरों में मकानों की कीमतों में 30% तक गिरावट की संभावना जताई है।
एक साल में 8 लाख करोड़ की पूंजी साफ होने की आशंका है।नोटबंदी से जुड़े कुछ और तथ्य -10 करोड़ पेटीएम के उपयोगकर्ता बढ़े इस दौरान। - अमेजन, फ्लिपकार्ट और स्नैपडील जैसी कंपनियों को 15-20 फीसदी नुकसान। - आयकर विभाग ने एक महीने में 2000 करोड़ रुपये की अघोषित आय पकड़ी।
ओला-उबर जैसी एप आधारित टैक्सी सेवा देने वाली कंपनियों को 3 से 5 फीसदी का घाटा।- 130 करोड़ रुपये की नकदी और आभूषण जब्त किए गए।- 400 से अधिक मामलों की छानबीन की जा चुकी है।
चूँकि, दोनों ओर अर्थशास्त्रियों की संख्या ठीक-ठाक है इसलिए यह समझना आम आदमी के लिए काफी मुश्किल है, कि असल सूरत क्या बनने वाली है.इस पूरे महीने का हासिल हिसाब केवल परेशानी के रूप में ही सामने आया है. हाँ, अब बैंकों में लाइन नहीं लग रही है.
जिस एटीएम में पैसा है, वहां जरुर पांच-दस लोग लाइन में दिख जाते हैं.लेकिन कुछ रोचक चीजें भी हुई हैं. मसलन, सोना, शेयर बाजार, फिक्स्ड डिपाजिट और रियल स्टेट में काफी मंदी देखी जा रही है. इस मंदी को फायदे के रूप में भी देखा जा सकता है. लेकिन जब जेब में माल है नहीं और बैंक निकलने देंगे नहीं और सामान्य भारतीय को इलेक्ट्रानिक पेमेंट अपनाने में समय लग रहा है, ऐसे में सस्ती हुई चीजों का फायदा उठा पाना आम भारतीय के लिए मुश्किल ही दिखता है.
हाँ, कारों की बिक्री जरुर बढ़ी हुई दिखाई दे रही है. पता नहीं, इसकी वजह नोटबंदी है या कुछ और. कंपनियों के आंकड़ों के मुताबिक नवंबर में मारुति की बिक्री में 12%, फोर्ड में 22% और रेनॉ इंडिया में 23% का इजाफा हुआ है। दोपहिया वाहनों में भी होंडा की बिक्री स्थिर रही जबकि यामाहा में 20% का इजाफा हुआ।
बुधवार को रिजर्व बैंक ने ब्याज दरों में कोई परिवर्तन नहीं किया. इससे भी आमजन परेशान हुए, क्योंकि बैंक में जमा रकम पर पुरानी दरों से ही ब्याज मिलने वाला है. रियल एस्टेट रिसर्च फर्म ‘प्रोइक्विटी सर्च’ ने देश के 42 शहरों में मकानों की कीमतों में 30% तक गिरावट की संभावना जताई है।
एक साल में 8 लाख करोड़ की पूंजी साफ होने की आशंका है।नोटबंदी से जुड़े कुछ और तथ्य -10 करोड़ पेटीएम के उपयोगकर्ता बढ़े इस दौरान। - अमेजन, फ्लिपकार्ट और स्नैपडील जैसी कंपनियों को 15-20 फीसदी नुकसान। - आयकर विभाग ने एक महीने में 2000 करोड़ रुपये की अघोषित आय पकड़ी।
ओला-उबर जैसी एप आधारित टैक्सी सेवा देने वाली कंपनियों को 3 से 5 फीसदी का घाटा।- 130 करोड़ रुपये की नकदी और आभूषण जब्त किए गए।- 400 से अधिक मामलों की छानबीन की जा चुकी है।
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