बेनामी संपत्ति कानून है वाकई बहुत कड़क, आप भी जानिए
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प्रतीकात्मक चित्र :साभार |
प्रधानमंत्री ने रविवार को बेनामी संपत्ति पर हमला करने की बात यूँ ही नहीं की थी. वाकई इसके लिए बना कानून कड़क है. नए कानून के तहत बेनामी लेनदेन का दोषी पाए जाने पर कम से कम एक साल और अधिकतम सात साल की सजा का प्रावधान है. मौजूदा सरकार द्वारा संसद से पारित कानून के अनुसार संपत्ति के बाजार मूल्य का 25 फीसदी तक जुर्माना भी लगाया जा सकता है.
बेनामी से मतलब ऐसी संपत्ति से है जो असली खरीददार के नाम पर नहीं है. कर से बचने और संपत्ति का ब्योरा न देने के उद्देश्य से लोग अपने नाम से प्रॉपर्टी नहीं खरीदते. जिस व्यक्ति के नाम से यह खरीदी जाती है उसे बेनामदार कहते हैं और संपत्ति बेनामी कहलाती है.
बेनामी संपत्ति चल या अचल दोनों हो सकती है. अधिकतर ऐसे लोग बेनामी संपत्ति खरीदते हैं जिनकी आमदनी का स्रोत संपत्ति से ज्यादा होता है. संसद ने इसी साल अगस्त में इस कानून को पारित किया. बेनामी सौदे (निषेध) कानून 1988 का नाम बदलकर बेनामी संपत्ति लेनदेन कानून 1988 हो गया.
पीएम ने हाल के दिनों में कई बार बेनामी संपत्तियों पर हमले की बात की. रविवार को भी उन्होंने दोहराया. बोले-70 साल से बेईमानी और भ्रष्टाचार से बड़ी ताकतें जुड़ी हुई हैं.
ये सरकार को हराने के लिए नए तरीके अपनाते हैं तो हमें भी उनकी काट के लिए नया तरीका अपनाना पड़ता है. तू डाल-डाल तो मैं पात-पात क्योंकि हमें इन्हें मिटाना है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि ऐसे लोग अब बचेंगे नहीं. सरकार अगला कदम बेनामी संपत्ति रखने वालों के खिलाफ उठाएगी. पीएम ने आरोप लगाया कि पूर्ववर्ती कांग्रेस नेतृत्व वाली सरकार बेनामी संपत्ति से जुड़े कानून को दशकों तक ठंडे बस्ते में डाले रखा.
देश में 1988 से बेनामी संपत्ति कानून है लेकिन उससे संबंधित नियमावली आज तक नहीं बनी, न ही उसे अधिसूचित किया गया.
मोदी ने कहा कि हमारी सरकार ने धूल खा रहे कानून को निकाला और इसे धारदार बनाया है. आने वाले दिनों में यह कानून अपना काम करेगा. उन्होंने कहा,देशहित और जनहित के लिए जो भी करना पड़े, हम करेंगे.
मोदी ने कहा कि हमारी सरकार ने धूल खा रहे कानून को निकाला और इसे धारदार बनाया है. आने वाले दिनों में यह कानून अपना काम करेगा. उन्होंने कहा,देशहित और जनहित के लिए जो भी करना पड़े, हम करेंगे.
प्रधानमंत्री ने भ्रष्टाचार के खिलाफ कठोर कदम जारी रखने का संकल्प जताते हुए कहा कि नोटबंदी पूर्ण विराम नहीं है, ये तो अभी शुरुआत है. ये जंग जीतनी है. उन्होंने कहा कि जिस बात पर सवा सौ करोड़ देशवासियों का आशीर्वाद हो, उसमें तो पीछे हटने का सवाल ही नहीं उठता है.
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