पठानकोट एयरबेस पर हमले में मसूद अजहर, उसके साथियों के खिलाफ चार्जशीट

आरोपी मसूद अजहर : फ़ाइल फोटो

इसी साल जनवरी में पठानकोट एयरबेस पर हुए हमले में नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) ने आरोप पत्र दाखिल कर दिया है. इस हमले में हमारे सात जवान शहीद हो गए थे. तीन दिन तक आपरेशन चला, तब जाकर हमलावर मारे जा सके थे. आरोप पत्र में जैश-ए-मोहम्मद के कमांडर मौलाना मसूद अजहर, उसके भाई अब्दुल रउफ असगर, लांचिंग कमांडर शाहिद लतीफ और हैंडलर कासिफ जान को मुख्य अरोपी बनाया गया है. इस हमले में 37 लोग घायल हो गए थे.

99 पेज की इस चार्जशीट के अनुसार हमले की ठोस और विश्वसनीय खुफिया जानकारी होने के बावजूद ढिलाई बरती गई. आतंकवादी और उनके आका रक्षा प्रतिष्ठान पर हमले की योजना बना रहे थे, जिसकी बातचीत भी जारी की गई. हालांकि सुरक्षा में चूक की बात को गृह मंत्रालय ने नकार दिया है.

रिपोर्ट में भारत-पाकिस्तान सीमा पर सुरक्षा को लेकर भी गंभीर सवाल उठाए गए हैं. सवाल पूछा गया है कि आतंकियों द्वारा क्यों लगातार घुसपैठ हो रही है, उसे क्यों नहीं रोका जा रहा है. इतना ही नहीं समिति ने पाकिस्तानी संयुक्त जांच दल द्वारा आतंकी हमले के स्थान का निरीक्षण करने पर भी आश्चर्य व्यक्त किया है.

2 जनवरी 2016 को तड़के सुबह 3:30 बजे पंजाब के पठानकोट वायु सेना स्टेशन पर भारी मात्रा में असलहा बारूद से लैस आतंकवादियों ने आक्रमण किया था. आतंकियों से मुठभेड़ में 7 जवान शहीद हो गए थे. सभी आतंकवादी भी मारे गए थे. हालांकि किसी संभावित बचे हुए आतंकी के छुपे होने की स्थित में खोज अभियान 5 जनवरी को भी चल रहा था.

इस घटना के बाद पाकिस्तानी दल ने भी पठानकोट एयरबेस का मुआयना किया था. उस समय इस मसले का काफी विरोध हुआ था. लोगों का मानना था कि इसकी कोई जरूरत नहीं थी.पाकिस्तानी दल जाँच करके कौन सी अपनी गलती स्वीकार कर लेगा. और हुआ भी वही था. वापस जाने के बाद दल ने इस हमले में पाकिस्तान की किसी भी तरह की भूमिका से इनकार कर दिया था.


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