भारतीय मुद्रा पर रोक लगा खुद तबाह हो रहा यह देश, जानिए क्या है पूरा माजरा


नोटबंदी को लेकर भारत से ज्यादा परेशान नेपाल के लोग है. वहां की अर्थव्यवस्था बेपटरी हो गई है. व्यापार पर जबरदस्त असर पड़ा है. पर्यटकों की संख्या में खासी कमी दर्ज की गई है. नेपाल में रह रहे भारतीय द्वारा स्वदेश भेजे जाने वाली रकम में भी गिरावट दर्ज की गई है. असल वजह यह है कि नेपाल ने सभी नए-पुराने भारतीय नोट को बैन कर दिया है.
 
नेपाल राष्‍ट्र बैंक का कहना है कि जब तक उसे भारतीय रिजर्व बैंक की तरफ से नए नोटों के बारे में आधिकारिक तौर पर जानकारी नहीं मिल जाती, तब तक भारतीय करंसी पर बैन रहेगा. नेपाल राष्‍ट्र बैंक ने कहा, 'जब तक हमें आधिकारिक तौर पर सूचित नहीं किया जाता, हम नए भारतीय नोटों को स्‍वीकार नहीं करेंगे.' ऐसा होने की वजह से भारतीय सीमा पर अनौपचारिक तरीके से व्‍यापार कर रहे हजारों नेपाली प्रभावित हुए हैं. ना तो उन्‍हें पैसा मिल पा रहा है और ना ही वे पेमेंट कर पा रहे हैं.

विश्व की प्रमुख रेटिंग एजेंसी फिच की ग्रुप कंपनी बीएमआई रिसर्च ने बुधवार को यह जानकारी दी. बीएमआई ने नेपाल की इकॉनमी के लिए लगाए गए अपने पहले के अनुमान को कम कर दिया है. पहले जहां इसने नेपाल की इकॉनमी की विकास दर का अनुमान 2.5 प्रतिशत लगाया था वहीं अब इसे 2.2 प्रतिशत कर दिया है. यह अनुमान इस वित्‍त वर्ष से लेकर जुलाई 2017 तक के लिए है. बीएमआई रिसर्च ने इसके पीछे भारत में नोटबंदी के फैसले को प्रमुख वजह बताया है।

नेपाल की अर्थव्‍यवस्‍था करीब 21 अरब डॉलर (करीब 1416 अरब रुपये) की है और वित्‍त वर्ष 2015-16 के दौरान यह 0.8 प्रतिशत से भी कम की विकास दर से जूझ रही थी. नेपाल में 2015 में आए विनाशकारी भूकंप का इकॉनमी पर बहुत बुरा असर पड़ा था. रिपोर्ट में कहा गया है कि, 'भारत से आने वाले फंड में खलल की वजह से पुनर्निर्माण संबंधी कार्यों पर असर हो सकता है. ऐसा इसलिए क्‍योंकि व्‍यापार, नौकरी और सहायता आदि के लिए नेपाल की अर्थव्‍यवस्‍था बहुत हद तक भारत पर निर्भर है.'

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