ट्रंप के बहाने इस बार किसने बनाया मोदी को अपना शिकार, आप भी जानिए


शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के जरिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर फिर निशाना साधा है. इस बार अमेरिका के नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मिसाल देते हुए सामना ने ऐसा किया है. लेख में कहा गया है कि क्या मोदी ट्रंप की तरह अपने देश के हितों की रक्षा के लिए आगे आएंगे?
दरअसल ट्रंप ने अमेरिका में चुनाव से पहले लोगों को आश्वासन दिया था कि अमेरिकी नागरिकों की जगह विदेशी कर्मचारियों को प्राथमिकता नहीं दी जाएगी. जिसको अब वह अमली जामा पहनाए जाने की घोषणा कर चुके हैं. उनका ये बयान हिंदुस्तान के लिए चिंता का विषय बन गया है.
शिवसेना ने यह भी कहा है कि जिस तरह ट्रंप ने अपने देश के नागरिकों के हित में सोचा है, क्या ऐसा  मोदी सरकार भी पाकिस्तानी कलाकारों के लिए कोई कदम उठा सकती है. पाकिस्तानी कलाकार भारत में पैसा कमाने आते हैं. दुनिया ट्रंप को मूर्ख कहती है लेकिन वो अपने देश के लिए अपनी समझदारी से देश की रक्षा के लिए अच्छा कदम उठा सकती है तो क्या मोदी सरकार ऐसा नहीं कर सकती?
ट्रंप की इस कार्रवाई का सबसे बड़ा झटका भारत को लगेगा. इससे कई भारतीयों की अमेरिका से छुट्टी हो सकती है. लेकिन सामना में ट्रंप का पक्ष लेते हुए कहा गया है कि ऐसा उन्होंने अपने देश की रक्षा और देश के हित के लिए किया है. अब देखना है कि मोदी सरकार इस विषय पर ट्रंप से बात करने में क्या भूमिका अदा करती है. उल्लेखनीय है कि अपना कार्यकाल शुरू करने से पहले ही अपने नागरिकों को खुश करने के लिए ट्रंप ने जो आश्वासन दिया था उसकी तैयारी उन्होंने शुरू कर दी है. 
क्या है एच-1 वीजा 
कहा जा रहा है कि ट्रंप ये कह चुके हैं कि एच-1 बी वीजा वालों को अमेरिका में नौकरी नहीं करने दिया जाएगा.
आपको बता दें कि एच-1 बी वीजा वो है जो विदेशियों को अमेरिका आकर अपनी विशेषता का फायदा देने के लिए जारी किया जाता है. ट्रंप ने कहा है कि अमेरिकी लोगों की रोजगार सुरक्षा उनकी प्राथमिकता है और वे अमेरिकी लोगों की जगह विदेशी कामगारों को नौकरी पर रखे जाने की अनुमति नहीं देंगे.
कंपनियों का दिया हवाला
ट्रंप ने डिज्नी वर्ल्ड और दूसरी अमेरिकी कंपनियों का हवाला दिया जहां भारतीय कामगारों समेत एच1-बी वीजा पर अमेरिका आए अन्य विदेशियों ने अमेरिकियों की नौकरियां छीन लीं. वीजा का मुद्दा ट्रंप ने चुनाव प्रचार के दौरान भी प्रमुखता से उठाया था और कहा था अमेरिकी लोगों का रोजगार वे किसी और देश के लोगों के लिए छिनने नहीं देंगे.
चुनावी कैंपेन में दिया था जोर
आयोवा में हजारों समर्थकों के बीच ट्रंप ने कहा कि हरेक अमेरिकी की जिंदगी सुरक्षित करने के लिए वे लड़ेंगे. ट्रंप ने आगे कहा, 'कैंपेन के दौरान मैंने उन अमेरिकी कामगारों के साथ भी वक्त बिताया जिन्हें उन लोगों को प्रशिक्षण देना पड़ा था जिन्हें बाद में उन्हीं की जगह नौकरी पर रखा गया. उन्हें हटाने के लिए विदेशी कामगारों को लाया गया. हम अब ऐसा बिल्कुल नहीं होने देंगे.'

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