नोटबंदी : इस बड़े नेता ने बोला मोदी पर हमला, बोले-यह बहुत बड़ा घोटाला, जाँच होनी चाहिए


नोटबंदी पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर हमलों का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है. पूरा विपक्ष तो उनके पीछे पड़ा ही है, अब यूपीए सरकार में वित्त मंत्री रहे पी. चिदंबरम सामने आये हैं. उन्होंने इसे बहुत बड़ा घोटाला कहा है और जाँच की मांग की है. चिदंबरम की बात इसलिए अहम है क्योंकि वे देश के वित्त मंत्री रहे हैं और इस पूरे हालात को वे विशेषज्ञ नज़रों से देखने की क्षमता रखते हैं.
चिदंबरम के सवाल उठाने के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा, ''कांग्रेस की यूपीए सरकार में भ्रष्टाचार चरम पर था। ब्लैकमनी खत्म करने के लिए 10 साल में कुछ नहीं किया। इसीलिए समझ सकते हैं कि सरकार के सख्त फैसले से कांग्रेस को क्यों परेशानी हो रही है।'' 
पूर्व वित्त मंत्री चिदंबरम ने मंगलवार को नागपुर में कहा, ''बैंकों में पैसे नहीं हैं, नोटबंदी से निपटने के लिए तैयारियां नहीं की गईं. कैश की कमी दूर होने में अभी कम से कम 7 महीने और लगेंगे. 50 दिन में कुछ नहीं होगा।'' बोले- जीडीपी पर लंबे वक्त तक नेगेटिव असर पड़ेगा. चिदंबरम ने सवाल किया  ''नोटबंद करने से कालाधन खत्म हुआ क्या, आतंकियों की फंडिंग रुकी क्या?'' 
उन्होंने कहा-''जीडीपी पर इसका लंबे वक्त तक नेगेटिव असर पड़ेगा। आरबीआई के प्रोजेक्शन में यह दिखा भी है. कई इकोनॉमिस्ट कह रहे हैं कि नोटबंदी से 1-2 फीसदी ग्रोथ रेट कम होगी. इससे मोटिव पूरा नहीं हुआ. सिर्फ देश का गरीब परेशान हुआ है. अगर बड़े नोट बंद करना ही था तो इसके लिए कम से कम एक साल का वक्त तय करना चाहिए था.''
बकौल चिदंबरम- ''जब मैं एक शादी में गया तो देखा कि अमीरों को कोई परेशानी नहीं हुई, सिर्फ गरीब ही पैसे के लिए भटक रहा है। गरीबों की कमर टूट गई है। ये तो वही बात हुई कि खोदा पहाड़ निकली चुहिया. कौन-सा ऐसा देश है जो कैशलेस है? क्या अमेरिका, क्या सिंगापुर ने ऐसा किया? देश में बिजली कहां है? मशीन कहां है? उन्होंने कहा-मुझे अब तक 2000 का नोट नहीं मिला, फिर छापेमारी के दौरान देश के अलग-अलग हिस्सों में क्यों करोड़ों नए नोट मिल रहे हैं?

वे बोले- ''कल आरएसएस के एक बड़े नेता ने कहा कि सरकार 2000 के नोट को भी बंद करेगी.अगर ऐसा हुआ तो हैरानी की बात नहीं होगी. कालाधन रोकने का टारगेट पूरा नहीं हुआ तो अब सरकार कैशलेस इकोनॉमी बनाने की बातें करने लगी है. ये सरकार का गलत फैसला है. कोई भी आदमी इसे सहन नहीं करेगा। बिना सोचे-समझे फैसला ले लिया। इकोनॉमिस्ट और विदेशी मीडिया ने भी इसे गलत बताया है.''
उन्होंने दावा किया कि- ''45 करोड़ जनता का इस पर असर पड़ा है। क्या वे इसे स्वीकार कर रहे हैं। उनका रोजगार छिन गया है. किसान परेशान हैं, खाद-बीज नहीं खरीद पा रहे हैं. को-ऑपरेटिव बैंकों के पास किसानों को देने के लिए पैसे नहीं हैं. इन बैंकों को पूरी प्रॉसेस से क्यों दूर रखा गया? हर बैंक कह रहा है कि कैश नहीं है, फिर सरकार क्यों नहीं मान रही है? इसीलिए मनमोहन सिंह ने इसे गलत बताया है।''

वित्त मंत्री जेटली का चिदंबरम को जवाब
उन्होंने कहा, ''कांग्रेस की सरकार में भ्रष्टाचार चरम पर था. उन्होंने 10 साल में ब्लैकमनी खत्म करने के लिए कुछ नहीं किया. इसीलिए आप समझ सकते हैं कि हमारी सरकार के सख्त फैसले से कांग्रेस को क्यों परेशानी हो रही है। वे संसद में बहस से भाग रहे हैं. कैशलेस इकोनॉमी के कई फायदे हैं। कालेधन वाले सभी लोग पकड़े जाएंगे।''

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