वाह भाई वाह नेता जी ! आप करो तो रामलीला और हम करें तो...नॉट फेयर


देश में काले धन के खिलाफ मुहिम छेड़ने वाली केंद्र सरकार ने राजनीति में इस धन का स्वागत किया है. सरकार ने कहा है कि राजनीतिक दल अपने खातों में 500 और 1000 के पुराने नोट जमा कर सकते हैं, उन पर कोई इनकम टैक्स नहीं लगेगा. यह तो कोई बात नहीं हुई. अब अपने घरों में रखे ऐसे नोटों को नेतागण आराम से पार्टी फंड में जमा करें और चुनाव के समय पार्टी मदद के नाम पर लेकर खर्च करें. चुनाव भी हो जाएगा और कोई सवाल भी नहीं उठेगा.

रेवेन्यू सेक्रेटरी हसमुख अधिया ने कहा है कि अगर राजनीतिक दलों के खाते में पैसे जमा किए जाते हैं तो उन पर इनकम टैक्स नहीं लगेगा. लेकिन अगर ये कैश निजी खातों में जमा किए जाएंगे तो यह हमारी जांच के रडार पर आ जाएगा. रेवेन्यू सेक्रेटरी से जब यह सवाल पूछा गया कि राजनीतिक दल जो कैश अपने खातों में जमा कर रहे हैं, क्या उनकी भी जांच की होगी, तो इसके जवाब में उन्होंने कहा कि अगर कोई व्यक्ति अपने खाते में पैसे जमा करेगा तो हम उसकी जानकारी लेंगे. राजनीतिक दलों के खाते में आए कैश पर टैक्स नहीं लगेगा. इनकम टैक्स कानून 1961 में सेक्शन 13A के तहत राजनीतिक दलों को इनकम टैक्स में छूट मिली हुई है.

रेवेन्यू सेक्रेटरी ने कहा कि राजनीतिक दल, चंदा के तौर मिले 20,000 रुपए तक की राशि खाते में जमा करवा सकते हैं, उसके लिए चंदा देने वालों की पहचान के कागजात और रसीद देने होंगे।

फाइनेन्स  सेक्रेटरी अशोक लवासा ने इससे पहले कहा कि बैंक खातों से पैसे निकालने की लिमिट का रिव्यू 30 दिसंबर के बाद किया जाएगा जिस तारीख तक लोग पुराने नोट बैंक में जमा कर सकते हैं.

सरकार ने नोटबंदी के बाद यह नियम बनाया कि लोग बैंक से एक सप्ताह में 24,000 रुपए तक निकाल सकते हैं. फिक्की के एक इवेंट में लवासा ने कहा कि 30 दिसंबर के बाद रिव्यू करके व्यवस्था को फिर से पटरी पर लाने के लिए कदम उठाए जाएंगे.
उल्लेख जरुरी है कि चुनाव आयोग ने लगभग 400 ऐसे राजनीतिक दल सूचीबद्ध किये हैं, जो आज तक कभी चुनाव मैदान में नहीं आये. आयोग को आशंका है कि ये दल पैसों की हेराफेरी के लिए ही गठित किये गए हैं.

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