बेनामी संपत्ति मसले के शिकार होंगे या बचेंगे मायावती के भाई !

बसपा सुप्रीमो मायावती के भाई आनंद कुमार :फ़ाइल फोटो साभार

नोटबंदी को लेकर केंद्र सरकार पर लगातार हमलावर रही बसपा सुप्रीमो मायावती के भाई आनंद कुमार के खिलाफ आयकर अफसरों ने जाँच शुरू कर दी है. आरोप है कि उन्होंने बड़े पैमाने पर बेनामी संपत्तियां हासिल की हुई हैं. इस मामले को आयकर विभाग ने हाल ही में खोला था.

वैसे भी केंद्र ने बेनामी संपत्ति के मामले में जो नया कानून बनाया है, वह ऐसे सभी लोगों के लिए खतरे की घंटी साबित होगा, जिन्होंने काली कमाई करके बेनामी संपत्ति हासिल कर रखी है. अफसरों को कई गुप्त जानकारियां मिली थीं कि आनंद कुमार के पास बेनामी संपत्तियां हैं.

इसी सिलसिले  में नोएडा के कई बिल्डर्स को नोटिस भी भेजा गया है. मायावती के भाई आनंद कुमार पर आरोप है कि उन्होंने प्राइवेट बिल्डरों के साथ गठजोड़ से बेनामी संपत्तियां बनाई हैं. बिल्डरों के आनंद कुमार के साथ संबंध है और उन्होंने उनकी आवास परियोजनाओं में खूब काले धन का निवेश किया है. आयकर विभाग ने इन बिल्डरों से जमीनों के संबंध में भी जानकारी मांगी है.

नोटबंदी के बाद मायावती लगातार मोदी सरकार को घेरने में लगी हुई हैं. ऐसे में बीजेपी उन पर पलटवार कर सकती है. सोमवार को मायावती ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि नोटबंदी का फैसला जल्दबाजी में ले लिया और अब यह उनके लिए गले की फांस बन गया है. अपने चोर दरवाजे से बीजेपी ने पूंजीपतियों और धन्नासेठों का बहुत पैसा बहाया है.

बेनामी संपत्ति पर बना कानून बहुत कड़क है. नए कानून के तहत बेनामी लेनदेन का दोषी पाए जाने पर कम से कम एक साल और अधिकतम सात साल की सजा का प्रावधान है. मौजूदा सरकार द्वारा संसद से पारित कानून के अनुसार संपत्ति के बाजार मूल्य का 25 फीसदी तक जुर्माना भी लगाया जा सकता है.

बेनामी से मतलब ऐसी संपत्ति से है जो असली खरीददार के नाम पर नहीं है. कर से बचने और संपत्ति का ब्योरा न देने के उद्देश्य से लोग अपने नाम से प्रॉपर्टी नहीं खरीदते. जिस व्यक्ति के नाम से यह खरीदी जाती है उसे बेनामदार कहते हैं और संपत्ति बेनामी कहलाती है.

बेनामी संपत्ति चल या अचल दोनों हो सकती है. अधिकतर ऐसे लोग बेनामी संपत्ति खरीदते हैं जिनकी आमदनी का स्रोत संपत्ति से ज्यादा होता है. संसद ने इसी साल अगस्त में इस कानून को पारित किया. बेनामी सौदे (निषेध) कानून 1988 का नाम बदलकर बेनामी संपत्ति लेनदेन कानून 1988 हो गया.

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