राजधानी, शताब्दी, दूरंतो जैसी प्रीमियम ट्रेनों के किराये में कटौती, पढ़िए पूरी बात
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प्रतीकात्मक फोटो : साभार |
भारतीय रेलवे ने राजधानी, शताब्दी, दूरंतो जैसी कुछ प्रीमियम ट्रेनों के यात्री भाड़े में कटौती कर दी है. सीटें खाली रहने की वजह से यह फैसला लिया गया है. रेलवे ने अपने फ्लेक्सी फेयर स्ट्रक्चर में भी बदलाव किए हैं. अब इन खास ट्रेनों में रिजर्वेशन चार्ट बनने के बाद खाली सीटों को कम कीमत पर बेचा जा सकेगा. खाली सीटों में अंतिम कीमत से 10 फीसदी की छूट दी जाएगी. यानी करंट टिकट खरीदते हैं तो टिकट सस्ता मिलेगा.
इन ट्रेनों के तत्काल कोटे में भी कमी कर दी गई है. ये नया किराया प्रणाली 20 दिसंबर 2016 से लागू हो चुकी है और अगले 6 महीने तक जारी रहेगी. विश्लेषकों का मानना है कि रेलवे ट्रेनों में खाली रह गई सीटों को आखिरी मिनट में तेजी से भरकर रेवेन्यू बढ़ाने के अपने लक्ष्य पर काम कर रही है. प्रणाली में यह फेरबदल इसी का हिस्सा है.
फ्लेक्सी फेयर सिस्टम क्या है ?
रेलवे ने 9 सितंबर 2016 को राजधानी, शताब्दी, दुरंतो के लिए फ्लेक्सी फेयर सिस्टम शुरू किया था. इसके मुताबिक मांग बढ़ने पर बेस फेयर में 10 फीसदी से लेकर 50 फीसदी तक किरायों में बढ़ोतरी की जा सकती है. एक वरिष्ठ रेलवे अधिकारी का कहना है कि तीन महीने बाद हमने इस सिस्टम की समीक्षा की है और कुछ परिवर्तन करने का फैसला लिया.
ट्रेन की एक खास क्लास की आखिर टिकट के बेस फेयर में 10 फीसदी की छूट लागू होगी. रेलवे के मुताबिक, यह फैसला चार्ट तैयार होने से चंद मिनट पहले होगा. रिजर्वेशन फीस, सुपर फास्ट चार्ज और सर्विस टैक्स पूरी तरह से लागू रहेंगे. यह फैसला फिलहाल छह महीने के लिए प्रायोगिक तौर पर लागू किया गया है.
रेलवे की जानकारी के मुताबिक, सितंबर की 9 तारीख से लेकर अक्टूबर 31 तक राजधानी, दुरंतो और शताब्दी ट्रेनों में 5871 सीटें खाली थीं. क्लास- वाइज़ कुल अकोमेडेशन के मामले में तत्काल टिकट बुकिंग में 10 फीसदी कटौती की गई है.
रेलवे के ज़ोनल ऑफिस तत्काल कोटे के उपयोग की समीक्षा 15 दिन में एक बार किया करेंगे और इसके आधार पर कोटा या तो कम कर दिया जाया करेगा या फिर बढ़ा दिया जाया करेगा. यह ज्यादा से ज्यादा 30 फीसदी तक किया जा सकेगा.
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