अख़बारों की सुर्खियाँ, डीपी के तीर : एक

सुर्खियाँ: सोने पर अभी शिकंजा नहीं
तीर : क्यों मूर्ख बनाते हो साहब, आपसे कोई छुपा क्या लेगा 

सुर्खियाँ: सैलरी डे पर दोपहर बाद ही कैश ख़त्म 
तीर : ऊंट के मुंह में जीरा की कहावत तो सुनी होगी 

सुर्खियाँ : लो चल पड़ी अपनी मेट्रो
तीर : अच्छी बात, पर हम तो तभी मानेंगे, जब बैठकर घूमने को मिले 

सुर्खियाँ : रिलायंस जियो की सेवाएं 31 मार्च तक मुफ्त
तीर : व्यापार में कुछ भी फ्री नहीं दिया जाता, कहीं कुछ तो लेनदेन चल रहा होगा

सुर्खियाँ : UESCO की सांस्कृतिक धरोहरों में योग भी
तीर : क्यों नहीं होगा, मोदी जी दुनिया कि सैर यूँ ही थोड़े कर रहे हैं 

सुर्खियाँ : बेनेड्रिल, कोरेक्स, विक्स एक्शन 500 फिर बिकेंगी
तीर :एक महीने से हालात ही कुछ ऐसे  हो गए हैं, धंधा भी तो चलाना है 

सुर्खियाँ : छोटे शहरों को ज्यादा मिल रहा कैश
तीर : हवा-हवाई बातें तो न ही कर भैये, संकट तो छोटे-बड़े, हर शहर में है

सुर्खियाँ : तीन से छह महीने परेशानी-जेटली
तीर : चलो अच्छा हुआ, नोटबंदी पर कम से कम कुछ हद तक सही सूचना सामने आई  


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