नोटबंदी के तकलीफों के बीच आ सकती है यह अच्छी खबर, बजट सत्र में होगा खुलासा
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वित्त मंत्री अरुण जेटली : फ़ाइल फोटो साभार |
नोटबंदी की तकलीफों के बीच कुछ अच्छी खबरें भी आने की संभावना बलवती हो चली हैं. पिछले सप्ताह वित्त मंत्री अरुण जेटली के अलग-अलग बयान इस बात को और पुख्ता करते हैं. जानकार उम्मीद जता रहे हैं कि सब कुछ ठीक रहा तो इस बजट में आयकर छूट की सीमा बढाकर चार लाख रुपये तक कर सकती है. अभी 2.50 लाख तक की आमदनी वालों को टैक्स से छूट है.
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनने के लिए भारत को अब कराधान के निचले स्तर पर जाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि अब हमें निचले दर के कराधान की जरूरत है, ताकि हम सेवाओं को अधिक प्रतिस्पर्धी बन सकें. प्रतिस्पर्धा घरेलू नहीं, बल्कि वैश्विक है. आप सेवाओं में एक यही महत्वपूर्ण बदलाव महसूस करेंगे.
भारतीय राजस्व सेवा के सीमा शुल्क और केंद्रीय उत्पाद शुल्क के 68वें बैच के अधिकारियों को संबोधन के दौरान उन्होंने कहा-टैक्स चोरी को लेकर वित्त मंत्री ने कहा कि अब वो दौर जा रहा है जब सरकार से टैक्स चुरा लेना कोई गंभीर बात नहीं थी. जो टैक्स बनता है उसको अदा करना हर नागरिक की जिम्मेदारी है और ऐसा नहीं करने वाले लोगों को बेहद गंभीर नतीजे भुगतने पड़े हैं.
उन्होंने कहा कि बीते 70 सालों से हम लोग इसी सोच में जीते रहे कि सरकार से टैक्स की चोरी में कोई बुराई नहीं है. इसे कमर्शियल स्मार्टनैस के तौर देखा जाता था. उन्होंने कहा कि सरकार ऐसी व्यवस्था और ढांचा तैयार कर रही है जिससे कि लोग स्वयं कर अदा कर सकेंगे. इससे पहले जेटली ने साथ ही ये भी स्पष्ट किया कि शेयरों की खरीद-फरोख्त में दीर्घकालीन पूंजीगत लाभ पर कर आरोपित करने का सरकार का कोई इरादा नहीं है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मुंबई के एक कार्यक्रम के भाषण के संदर्भ में जेटली ने कहा कि मोदी के भाषण की मीडिया में जो व्याख्या की गई, वह सही नहीं है. उन्होंने स्पष्ट किया, मीडिया के एक हलके ने उस भाषण की गलत व्याख्या की है और उसने यह अर्थ निकालना शुरू किया कि इसमें परोक्ष रूप से प्रतिभूतियों के कारोबार में दीर्घकालीन पूंजीगत लाभ पर कर आरोपित किए जा सकने का संकेत है. उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री ने प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से ऐसा कोई बयान नहीं दिया, इसलिए मैं यह बिलकुल स्पष्ट करना चाहता हूं कि किसी के लिए इस निष्कर्ष पर पहुंचने का कोई आधार नहीं है क्योंकि प्रधानमंत्री ने ऐसा कुछ नहीं कहा है और न ही सरकार की ऐसी कोई मंशा है.
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