इस बार चीन ने लिया इस बड़े देश से पंगा, जानना नहीं चाहेंगे
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प्रतीकात्मक फोटो : साभार |
दलाईलामा से राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मुलाकात पर आपत्ति जताने के बाद चीन ने अमेरिका से पंगा लिया है. उसने अमेरिका का मानव रहित ड्रोन जब्त कर लिया है. इसका खुलासा भी अमेरिकी अफसरों ने किया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पेंटागन के प्रवक्ता कैप्टन जेफ़ डेविस ने भी इसकी पुष्टि की है. माना जा रहा है कि चीन की इस हरकत को अमेरिका अन्यथा ही लेगा. यद्यपि, वहां ओबामा का कार्यकाल ख़त्म हो रहा है और डोनाल्ड ट्रंप सत्ता ग्रहण करने की तैयारी में हैं. ऐसे में संभव है की नीतिगत फैसले लेने में कुछ वक्त लगे लेकिन चीन की इस हरकत को अमेरिका बर्दाश्त करेगा, इसकी गुंजाइश कम ही है.
घटना दक्षिण चीन सागर की है. यहीं से यह मानवरहित ड्रोन जब्त किया गया है. डेविस ने कहा कि चीन ने इसे अपने कब्जे में ले लिया है. उन्होंने कहा कि नौका को सूबिक की खाड़ी से 50 मील की दूरी पर अंतरराष्ट्रीय जल सीमा में जब्त किया गया. इस नौका का इस्तेमाल जल की क्षारीयता और तापमान की जांच में किया जा रहा था ताकि समुद्र के अंदर चैनलों को मापा जा सके. अधिकारी ने बताया कि हालांकि यह अमेरिकी नौसेना की नौका थी लेकिन इसका संचालन सैनिक नहीं कर रहे थे.
एक अमेरिकी रक्षा अधिकारी ने बताया कि ड्रोन जब्त किए जाने के बाद अमेरिका ने राजनयिक तौर पर चीन से औपचारिक विरोध दर्ज कर इसे लौटाने की मांग की है. अमेरिकी रक्षा विभाग से जुड़े एक अधिकारी का कहना है कि ड्रोन गुप्त मिशन पर नहीं था. अमेरिका के मुताबिक ड्रोन द्वारा दक्षिण चीन सागर में यह मिलिटरी सर्वे पूरी तरह कानूनी दायरे में किया जा रहा था.
उधर, चीन द्वारा दक्षिणी चीन सागर में की गई नेवल एक्सरसाइज के बाद एक बार फिर से तनाव बढ़ गया है. चीन ने कोरिया के पास बोहाई समुद्र के नॉर्थइस्टर्न में यरक्राफ्ट कैरियर 'लियॉनिंग' और वॉरशिप्स से बमबारी की एक्सरसाइज की है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पीएलए नेवी के बयान में कहा गया है कि एयरक्राफ्ट कैरियर 'लियॉनिंग' समेत 10 वॉरशिप्स और 10 एयरक्राफ्ट ने गुरुवार को हुई ड्रिल में हिस्सा लिया.
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