आतंकियों को मदद कर अपने ही देश में घिरा यह बदनाम देश
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आतंक की प्रतीकात्मक फोटो : साभार |
आतंकी गुटों को मदद करने की वजह से पाकिस्तानी हुकूमत को अपने ही देश में मुंह की खानी पड़ी है. क्वेटा हमले की जाँच कर रहे कमीशन ने अपनी रिपोर्ट में साफ कहा है कि सरकार पाखंड से बाज आये और असल में आतंकी गुटों को मदद करना बंद करे. पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर यह कमीशन जाँच कर रहा है. इस हमले में 74 लोग मारे गए थे.
आतंरिक सुरक्षा मंत्री चौधरी निसार अली खान की 3 प्रतिबंधित आतंकी गुटों के सरगनाओं से मुलाकात पर भी इस कमीशन ने अफसोस जताया. रिपोर्ट में कहा गया है, 'टेरर ग्रुप्स के खिलाफ एंटी टेररिज्म एक्ट को सही मंशा के साथ लागू किया जाना चाहिए।' पाकिस्तानी मीडिया में छपी खबरों के मुताबिक इस कमीशन को पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने अगस्त में हुए क्वेटा सुसाइट अटैक की जांच के लिए बनाया था.
कमीशन ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट के 3 जजों को सौंपी अपनी रिपोर्ट में शरीफ सरकार की आलोचना की है. आतंरिक सुरक्षा मंत्री चौधरी निसार अली खान ने 21 अक्टूबर को तीन आतंकी गुटों सिपह-ए-साहबा पाकिस्तान, मिल्लत-ए-इस्लामिया और अहले सुन्नत वल जमात के सरगनाओं से मुलाकात की थी. इस दौरान चौधरी ने उनकी मांगों को सुनने के बाद उन्हें पूरा करने का भरोसा दिलाया था.
कमीशन ने रिपोर्ट में कहा है, 'अगर सरकार देश में अमन और सद्भाव चाहती है तो उसे क़ानून और संविधान को फिर से स्थापित करने का प्रयास करना होगा. एंटी टेररिज्म एक्ट मंत्रियों और नेताओं पर भी लागू होता है और वे प्रतिबंधित आतंकी गुटों के आकाओं के साथ नजदीकी नहीं रख सकते.' अख़बार डॉन के मुताबिक, कमीशन ने कहा है कि सरकार दिखावा करना बंद कर दे.
कमीशन ने रिपोर्ट में कहा है, 'अगर सरकार देश में अमन और सद्भाव चाहती है तो उसे क़ानून और संविधान को फिर से स्थापित करने का प्रयास करना होगा. एंटी टेररिज्म एक्ट मंत्रियों और नेताओं पर भी लागू होता है और वे प्रतिबंधित आतंकी गुटों के आकाओं के साथ नजदीकी नहीं रख सकते.' अख़बार डॉन के मुताबिक, कमीशन ने कहा है कि सरकार दिखावा करना बंद कर दे.
कमीशन ने यह भी कहा है कि देश में नेशनल लेवल पर पॉलिसी को सही तरीके से लागू किया जाना चाहिए. 'सभी सरकारी मुलाजिम इसका पालन करें, नहीं तो नतीजे भुगतने को तैयार रहें.' 'प्रतिबंधित आतंकी गुटों के बारे में सभी को जानकारी देने की जरूरत है.' 110 पेज की अपनी रिपोर्ट में कमीशन ने कहा है, 'आतंकी गुटों को मीटिंग करने की इजाजत नहीं दी जानी चाहिए. लोगों को यह भी जरूर बताना चाहिए कि ऐसे गुटों पर प्रतिबंध क्यों लगाया गया.'
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