IMPS और NEFT ट्रांजेक्शन पूरी तरह फ्री होंगे, सरकार ने की घोषणा

प्रतीकात्मक फोटो : साभार

नोटबंदी के जरिए ब्लैक मनी के खिलाफ अभियान के साथ-साथ मोदी सरकार डिजिटल ट्रांजैक्शंस को बढ़ावा देने के लिए भी ज़रूरी कदम उठा रही है. इसी क्रम में वित्त मंत्रालय ने गुरूवार को सरकारी बैंकों से नेट बैंकिंग पर लगने वाले चार्जेज में कमी कमी करने के लिए कहा है. 
इस नए आदेश के मुताबिक जल्द ही IMPS और NEFT के जरिए होने वाले ट्रांजेक्शन पूरी तरह फ्री करने की बात कही गई है. मिनिस्ट्री ने बैंकों से कहा कि IMPS और UPI के जरिए पेमेंट्स के चार्ज खत्म होने चाहिए.

फ़िलहाल NEFT के जरिए एक हजार रुपये से अधिक के फंड को ट्रांसफर करने पर चार्ज लगता है. रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया के नियमों के मुताबिक 10 हजार रुपये तक के एनईएफटी ट्रांसफर में 2.5 रुपये की फीस लगती है. 10 हजार से 1 लाख रुपये तक ट्रांसफर करने में 5 रुपये चुकाने होते हैं. वहीं, 1 से 2 लाख रुपये भेजने के लिए 15 रुपये चुकाने होते हैं. 2 लाख से अधिक की राशि स्थानांतरित करने के लिए 25 रुपये फीस कटती है. इसके अलावा सर्विस टैक्स भी चुकाना होता है.

सिर्फ नेट बैकिंग ही नहीं वित्त मंत्रालय ने मोबाइल के जरिए होने वाले अनस्ट्रक्चर्ड सप्लिमेंट्री सर्विस डेटा के जरिए एक हजार रुपये से अधिक के ट्रांजैक्शंस में भी 50 पैसे के डिस्काउंट के लिए कहा कहा है. यूएसएसडी मोबाइल शॉर्ट कोड मेसेज होता है, जिसे मुख्य तौर पर फीचर मोबाइल के जरिए बैंकिंग में इस्तेमाल किया जाता है. यूएसएसडी ट्रांजैक्शंस की फीस 1.50 रुपये है, जिसे सरकार ने 30 दिसंबर, 2016 तक के लिए खत्म कर दिया है।

मंत्रालय की ओर से जारी आधिकारिक बयान में कहा गया कि डिजिटल और कार्ड पेमेंट्स को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने सभी पब्लिक सेक्टर बैंकों को फीस में कमी के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं. मंत्रालय के मुताबिक, 'सरकारी बैंक आईएमपीएस और यूपीआई ट्रांजैक्शंस का कोई चार्ज नहीं होगा.'

खासतौर पर मोबाइल के जरिए भी यह ट्रांजैक्शन की जा सकती है. इसके अलावा यूपीआई ऐप के जरिए कस्टमर ऑनलाइन या फिर ऑफलाइन रहते हुए भी कारोबारियों के खाते में पैसा ट्रांसफर कर सकते हैं. यह ट्रांजैक्शन नेट बैंकिंग, कार्ड, वॉलेट और आईएफएससी कोड के बिना भी की जा सकती है.

Comments

Popular posts from this blog

खतरे में ढेंका, चकिया, जांता, ओखरी

सावधान! कहीं आपका बच्चा तो गुमशुम नहीं रहता?

गूलर की पुकार-कोई मेरी बात राजा तक पहुंचा दो