प्रत्याशियों की नगदी निकासी सीमा बढ़ाने का आदेश दे सकता है चुनाव आयोग


पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों में लड़ रहे उम्मीदवारों के लिए नगदी निकासी सीमा बढ़ाने के चुनाव आयोग के अनुरोध को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा खारिज करने के बाद आयोग की तीखी प्रतिक्रिया आई है. माना जा रहा है कि अगर रिजर्व बैंक ने जल्दी ही इस पर फैसला नहीं लिया तो आयोग अपने स्तर से सीधे आदेश दे सकता है.
आयोग ने बुधवार को आरबीआई से उम्मीदवारों की नकदी निकासी की साप्ताहिक सीमा 24 हजार रुपये से बढ़ाकर दो लाख रुपये करने का अनुरोध किया था. आयोग का कहना था कि नोटबंदी के बाद लागू सीमा से उम्मीदवारों को अपने प्रचार का खर्च निकालने में कठिनाई होगी. लेकिन आरबीआई का कहना है कि इस स्तर पर सीमा बढ़ाना संभव नहीं है.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक नाराज दिख रहे आयोग ने आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल को पत्र लिखकर इस मुद्दे से निपटने के तरीके पर गंभीर चिंता प्रकट की है. चुनाव आयोग ने कहा, ‘ऐसा लगता है कि आरबीआई को स्थिति की गंभीरता का आभास नहीं है. 
यह बात दोहराई जाती है कि निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनाव कराना और सभी उम्मीदवारों को समान अवसर प्रदान करना आयोग का संवैधानिक अधिकार है और उचित तरीके से चुनाव कराने के लिए जरूरी है कि आयोग के दिशानिर्देशों का पालन किया जाए.’ 
आयोग ने आरबीआई से प्रस्ताव पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया है. माना जा रहा है कि अगर आरबीआई ने इसपर जल्दी ही कोई फैसला नहीं लिया तो आयोग संविधान के अनुच्छेद 324 में दिए गए अधिकारों का प्रयोग कर आरबीआई को उम्मीदवारों के लिए नकदी निकासी सीमा बढ़ाने का निर्देश दे सकता है.
चुनाव आयोग द्वारा आरबीआई को भेजे गए पत्र पर देश के इस सर्वोच्च बैंक की प्रतिक्रिया पर सरकार के अंदर भी चिंता देखने को मिली. सरकार के एक धड़े में यह आम राय थी कि आरबीआई को आयोग के आग्रह पर 'परिपक्व' रुख अपनाना चाहिए था. 
आयोग ने कैबिनेट सचिव को शनिवार को इस तरह के आग्रह को प्राथमिकता के आधार पर क्लियर करने को कहा था. आयोग ने कैबिनेट सचिव से अपने निर्देशों के लिए आवश्यक आदेश जारी करने को कहा है, ताकि आयोग के आदेशों का समय पर और सख्ती से पालन हो सके.

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