विरोध के बीच एक फरवरी को ही पेश होगा केन्द्रीय बजट, पूरी बात जानिए यहीं
सुप्रीम कोर्ट ने पांच राज्यों में विधान सभा चुनाव से पहले केंद्र सरकार द्वारा पेश होने वाले बजट को टालने की मांग करने वाली याचिका पर तत्काल सुनवाई करने से इनकार कर दिया है. चीफ जस्टिस जे एस खेहर की अगुवाई वाली पीठ ने बताया, इसमें इतनी तात्कालिकता नहीं है. जब याचिका पुर सुनवाई होगी, तब हम इस पर प्रमाणिक रूप से कुछ कहेंगे.
याचिका दायर करने वाले एडवोकेट एम एल शर्मा ने बताया था कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट को तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए. पीआईएल में यह मांग भी की गई है कि बीजेपी से उसका चुनाव चिह्न कमल छीनने का भी निर्देश दिया जाए, क्योंकि उसने कथित रूप से आचार संहित का उल्लंघन भी किया है. याचिका में यह भी बताया गया है कि चुनाव आचार संहिता लागू होने के बाद बजट पेश करना संविधान की धारा 112 का उल्लंघन है।
अगले वित्त-वर्ष के पहले दिन से ही लोक कल्याणकारी योजनाओं पर खर्च शुरू करने को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने फरवरी के अंतिम दिन बजट पेश की वर्षों पुरानी प्रथा को खत्म कर इस साल 1 फरवरी को आम बजट पेश करने का निर्णय लिया है.
वहीं चुनाव आयोग ने बुधवार को पांच राज्यों के विधान सभा चुनाव की शुरुआत 4 फरवरी से करने की घोषणा की है। चुनाव से ठीक पूर्व सरकार द्वारा बजट पेश करने का अब विपक्षी दल डटकर विरोध कर रहे हैं. विभिन्न राजनीतिक दलों ने 1 फरवरी को आम बजट पेश करने के निर्णय के खिलाफ राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और चुनाव आयोग में दस्तक दी.
कांग्रेस, लेफ्ट, सपा और बसपा जैसी पार्टियों ने इस कदम को लेकर आपत्तियां जताई हैं. उनका मानना है कि इस बजट में लोकलुभावन घोषणाएं कर वोटरों को आकर्षित किया जा सकता है. लेकिन अभी तक कहीं से भी राहत की कोई खबर नहीं आई है.
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