सपा का दंगल: आरपार के मूड में सख्त हुए मुलायम


यूपी में सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी में चुनाव से पहले मचे बवाल के थमने के आसार नहीं हैं. शनिवार को अखिलेश गुट ने विधायकों, सांसदों के समर्थन के हलफनामे चुनाव आयोग को सौंपे तो रविवार को मुलायम भी दिल्ली पहुँच रहे हैं. माना जा रहा है कि वे भी आयोग के सम्मुख आकर बेटे को जवाब देंगे. मुलायम के साथ उनके भाई शिवपाल भी होंगे. 

मुलायम और शिवपाल कल चुनाव आयोग पहुंच कर अखिलेश खेमे के उन हलफनामों का जवाब दे सकते हैं, जिसमें पार्टी के 90 फीसद विधायकों, सांसदों और एमएलसी के साथ होने का दावा किया गया था. खबरों के मुताबिक रामगोपाल यादव ने दो सौ पांच विधायक, 15 सांसद और 56 एमएलसी की लिस्ट के साथ डेढ़ लाख पन्नों के दस्तावेज चुनाव आयोग को सौंपे. रामगोपाल यादव शनिवार को सात गत्तों में डेढ़ लाख पन्नों के दस्तावेज लेकर आयोग पहुंचे थे. चुनाव आयोग ने दोनों पक्षों से सारे दस्तावेज 9 जनवरी तक देने के लिए कह रखा है. इससे पहले मुलायम ने चुनाव आयोग को चिट्टी लिखकर चुनाव चिन्ह साइकिल पर दावा ठोका था.

मुलायम ने पार्टी के उस अधिवेशन को भी गलत कहा था जिसमें अखिलेश यादव को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बना दिया गया था. दोनों पक्ष को खुद को असली एसपी बता रहे हैं और ये सब तब हो रहा है जब सिर पर चुनाव है. अखिलेश-मुलायम में सुलह-समझौते के कोई आसार नहीं है और दिल्ली तक पहुंचे घर के झगड़े से यूपी की सत्ता छिनने तक की नौबत आ सकती है.

इतना सब होने के बावजूद मुलायम को ठीक से जानने वालों को उम्मीद है कि ये पिता-पुत्र एक हो जाएंगे. कहीं कोई बवाल नहीं होगा और समाजवादी पार्टी एक थी, एक है और एक रहेगी.

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