क्या है पश्चिम बंगाल का रोज वैली घोटाला ? आप भी जानिए

प्रतीकात्मक फोटो:साभार

तृणमूल कांग्रेस सांसद सुदीप बंद्योपाध्याय की गिरफ़्तारी के बाद ममता बनर्जी खफा हैं. वे केंद्र के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं. जिस रोज वैली चिटफंड घोटाले में सुदीप की गिरफ़्तारी हुई है, इसे लाकर तृणमूल कांग्रेस के कई नेता पहले से ही कठघरे में हैं. बंद्योपाध्याय पर अपने राजनीतिक रसूख का इस्तेमाल कर इस कंपनी को फ़ायदा पंहुचाने का आरोप है. सीबीआई ने पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार किया है. 
सुदीप से पहले तृणमूल कांग्रेस सांसद और बांग्ला फ़िल्मों के सुपर स्टार रहे तापस पाल को भी सीबीआई ने गिरफ़्तार किया था. वे रोज़ वैली के निदेशक रह चुके है, हालांकि उन्होंने गिरफ़्तारी के पहले ही उस पद से इस्तीफ़ा दे दिया था.
लगातार हो रही गिरफ़्तारी और इस बहुचर्चित मामले के फिर से सामने आने के बाद यह सवाल किसी के भी मन में उठ सकता है कि यह पूरा मामला है क्या? सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को आदेश दिया है कि वह 'बड़ी साजिश' का पर्दाफ़ाश करे और पता लगाए कि किन लोगों ने रोज़ वैली की मदद की है.
  • रोज़ वैली ने आम जनता से 17 हजार करोड़ रुपए इकट्ठा किए हैं. इसका बड़ा हिस्सा पश्चिम बंगाल और पूर्व और पूर्वोत्तर के दूसरे राज्यों से वसूला गया है.
  • कंपनी के मालिक गौतम कुंडू त्रिपुरा के रहने वाले हैं. उनके भाई, भाभी और भतीजा जिस गाड़ी से जा रहे थे, वह मेघालय की राजधानी शिलॉन्ग के पास एक झील में डूब गई. इसमें गाड़ी का ड्राइवर बच गया और बाकी सभी मारे गए. यह एक रहस्य बना हुआ है.
  • यह समूह फ़िल्म और मीडिया के व्यवसाय में भी है. इसका अपना फ़िल्म डिवीज़न है, जिसने गौतम घोष निर्देशित 'मनेर मानुष' का निर्माण किया था. इसका बांग्ला में मनोरंजन और न्यूज़ चैनल है, जो पश्चिम बंगाल और असम में बेहद लोकप्रिय है.
  • रोज़ वैली पर आरोप है कि इसने ग़ैर क़ानूनी तरीके से पैसे इकट्ठा किए हैं और उसका एक बड़ा हिस्सा ग़लत तरीके से निकाल लिया है. निकाले गए पैसे का बड़ा हिस्सा विदेश भेज दिए जाने का आरोप भी है.
  • कंपनी के मालिक कुंडू पर आरोप है कि उन्होंने तृणमूल कांग्रेस के कुछ नेताओं की मदद से इकट्ठा किए हुए पैसे का एक हिस्सा देश के बाहर भेजा. आरोप यह भी है कि भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के कुछ नेताओं ने भी इसमें मदद की थी.
  • तृणमूल कांग्रेस के कुछ नेताओं पर आरोप है कि उन्होंने सरकारी एजेंसियों के ज़रिए पैसे ठिकाने लगाने में कुंडू की मदद की. उन्हें उसके बदले गाड़ियां, फ़्लैट और दूसरे मंहगे तोहफ़े दिए गए. रोज़वैली ने विदेश में उनके सैर सपाटे का खर्च भी उठाया.
  • प्रवर्तन निदेशालय (एनफ़ोर्समेंट डाइरेक्टरेट) ने मार्च 2015 में गौतम कुंडू को गिरफ़्तार कर लिया. सीबीआई ने उन्हें 2016 के जनवरी में उन पर आरोप तय किए गए.
  • सुदीप बंद्योपाध्याय पर भारतीय दंड संहिता की धारा 420, 120 (बी) और दूसरी धाराओं के तहत कई आरोप लगाए गए हैं. उन्हें कल ओड़ीशा की राजधानी भुवनेश्वर ले जाया गया. वहां की सीबीआई ही इस मामले की जांच कर रही है.

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