यह रही अखिलेश की सूची की ख़ास बातें और कांग्रेस से गठबंधन का सच


यूपी में विधानसभा चुनाव के लिए महागठबंधन का ऐलान कभी भी हो सकता है. समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच सीटों को लेकर बातचीत अंतिम चरण में है. ज्यादतर मुद्दों पर सहमति बन गई है. माना यह भी जा रहा है कि राष्ट्रीय लोकदल भी इस गठबंधन का हिस्सा होगी. भले ही उसके नेता मना कर चुके हैं.
यह बात इसलिए भी महत्वपूर्ण हो जाती है क्योंकि समाजवादी पार्टी ने तीसरे चरण तक के लिए अपने उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी है. इस सूची की खासियत यह है कि तमाम विरोध के बावजूद अखिलेश ने चाचा शिवपाल को जसवंत नगर से टिकट दिया है लेकिन उनके पुत्र आदित्य को नहीं दिया है. पूर्व में जारी लिस्ट में मुलायम सिंह ने आदित्य को जसवंतनगर से टिकट दिया था. मंत्री आजम खान रामपुर से ही चुनाव लड़ेंगे और उनके पुत्र अब्दुल्ला को इसी जिले की स्वार से टिकट पक्का हुआ है. 
परिवार की लड़ाई में खुलकर अखिलेश का साथ देने वाले नरेश अग्रवाल के बेटे नितिन अग्रवाल को फिर हरदोई से टिकट मिला लेकिन कांग्रेस छोड़ समाजवादी पार्टी में फिर से दाखिल हो राज्यसभा पहुँचने वाले बेनी प्रसाद वर्मा के पुत्र राकेश को टिकट नहीं मिला. बाराबंकी जिले के रामनगर सीट से इनकी दावेदारी थी. अब यहाँ से सरकार में मंत्री अरविन्द सिंह गोप चुनाव लड़ेंगे. 
बाहुबली अतीक अहमद को टिकट नहीं मिला है. सपा में कब्जे की लड़ाई पर फैसला आने के बाद पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव द्वारा यूपी चुनाव के लिए जारी पहली लिस्ट में 26.1 फीसदी मुस्लिम उम्मीदवारों को जगह दी गई है. 191 में 50 मुस्लिम उम्मीदवारों को जगह दी गई है.
पता चल रहा है कि सपा कांग्रेस के लिए 103 सीटें छोड़ सकती है. हालांकि, फिर कांग्रेस को ये फैसला करना है कि वह अपने कोटे की सीटों पर चाहे अपने प्रत्याशी उतारे या किसी दल को अपने कोटे की सीटों पर चुनाव लड़ाए. आरएलडी के साथ इसी कोटे के तहत कांग्रेस गठबंधन कर सकती है.
कांग्रेस के साथ बातचीत में आरएलडी 40 सीटों की मांग कर रही है लेकिन वह 25 सीटों पर मान सकती है. सूत्रों के अनुसार सपा ने कांग्रेस को आरएलडी को 20 सीटों पर मनाने को कहा है. इस 20 में से भी 3 सीटों पर बीएसपी की स्थिति काफी मजबूत मानी जा रही है.


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