10 साल बाद पहली बार आइडिया को हुआ भारी नुकसान, जानते हैं क्यों ?

प्रतीकात्मक फोटो :साभार

रिलायंस जियो की वजह से कई कंपनियां संकट में आ गई हैं. अब इस सेक्टर में चल रही प्रतियोगिता का असर भी दिखने लगा है. दस साल बाद पहली दफा आइडिया को 385 करोड़ का घाटा हुआ है.  
मार्च 2007 की शुरुआत के बाद पहली बार आइडिया तिमाही नतीजों में घाटे का सामना करना पड़ा है. कंपनी को अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में 385 करोड़ रुपए का घाटा हुआ. जबकि, जुलाई-सितंबर तिमाही में आइडिया सेल्युलर को 91.5 करोड़ रुपए का मुनाफा हुआ था.
वित्त वर्ष 2016-17 की तीसरी तिमाही यानी अक्टूबर-दिसंबर के दौरान आइडिया सेल्युलर की आय 6.9 फीसदी घटकर 8662.7 करोड़ रुपए रह गई है. जबकि, जुलाई-सितंबर के दौरान आइडिया सेल्युलर की आय 9300.2 करोड़ रुपए थी. तिमाही आधार पर अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में आइडिया सेल्युलर का एबिटडा मार्जिन 26 फीसदी से घटकर 25 फीसदी रहा है. तिमाही आधार पर तीसरी तिमाही में आइडिया सेल्युलर प्रति मिनट वॉल्यूम रेट 33.1 पैसे से घटकर 29 पैसे रहा है।
ग्राहकों की संख्या में भी आई गिरावट
तिमाही आधार पर अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में आइडिया सेल्युलर के कुल डाटा सब्सक्राइबर की संख्या 5.41 करोड़ से घटकर 4.6 करोड़ रही है.
तिमाही आधार पर अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में आइडिया सेल्युलर की प्रति ग्राहक औसतन आय 130 रुपये से घटकर 111 रुपये रही है.

जियो ने कुछ यूं बिगाड़ी सबकी चाल
सितंबर में मुकेश अंबानी की रिलायंस जियो इन्फोकॉम की लॉन्चिंग हुई थी.
कंपनी ने अपने वेलकम ऑफर में फ्री वॉइस कॉल और डेटा जैसी सुविधाएं दी थीं.
इसके बाद देश की नंबर वन टेलिकॉम कंपनी एयरटेल ने भी अपने प्लान्स में कटौती की
इस तरह की प्रतिस्पर्धा के चलते कंपनियों की आय में लगातार गिरावट आई है, लागत बढ़ी है
इसी वजह से वोडाफोन और आइडिया सेल्युलर के बीच विलय को लेकर भी बातचीत की खबर है
अगर ऐसा हुआ तो वोडाफोन-आइडिया देश की सबसे बड़ी टेलिकॉम फर्म के तौर पर उभरेंगी

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