अफसरों के रडार पर मौजूद 18 लाख बैंक खातों में कहीं आप का तो नहीं !
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प्रतीकात्मक फोटो :साभार |
आयकर विभाग 18 लाख बैंक खातों की जाँच-पड़ताल कर रहा है. इनमें से कुछ को विभाग ने मेल भी किया है. जिन लोगों को मेल मिली है, उन्हें जवाब देने के लिए 15 फरवरी तक का समय दिया गया है.
अफसरों का कहना है कि ऐसे लोगों को परेशान होने की जरूरत नहीं है. उनके जवाब से संतुष्ट होने के बाद विभाग कोई कार्रवाई नहीं करेगा. यह सरकार की ओर से उस डेटा एनालिसिस का हिस्सा है, जिसके तहत बैंकों में जमा राशि और टैक्स डिटेल का मिलान किया जा रहा है. ऐसे खातों में ब्लैक मनी जमा होने का संदेह जताया जा रहा है.
ऐसे बहुत से लोग हैं, जिनके नाम 5 लाख या उससे अधिक की राशि जमा करने वालों में हैं, लेकिन अब इन्हें लगता है कि डेटा गलत है. इन लोगों ने समस्या से निपटने के लिए टैक्स अथॉरिटीज से संपर्क किया है. इन लोगों के नामों को पिछले महीने के अंत में वेबसाइट पर जारी किया गया था और ऐसे व्यक्तियों और संस्थाओं को जवाब देने के लिए 10 दिन तक का वक्त दिया गया था.
बैंकों की ओर से आईटी डिपार्टमेंट को सौंपे गए 18 लाख खातों में 4.2 लाख करोड़ रुपये की राशि जमा है. एक सीनियर अफसर ने कहा, 'यह टैक्स नोटिस नहीं है. हम सिर्फ यह जानने का प्रयास कर रहे हैं कि बैंकों की ओर से साझा किए गए डेटा विश्वसनीय हैं या नहीं.
सभी लोगों से जवाब देने का अनुरोध किया गया है. यदि बैंकों की ओर से दी गई जानकारी गलत पाई जाती है तो किसी को भी परेशान नहीं किया जाएगा और उनका पीछा नहीं किया जाएगा.'
सूत्रों के मुताबिक कुछ खाताधारक तो ऐसे भी रहे हैं, जिन्हें डिपार्टमेंट में जाकर बताया कि उन्होंने बैंक की ओर से बताई गई राशि से अधिक पूंजी जमा की थी. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के चेयरमैन सुशील चंद्रा ने पिछले दिनों कहा था कि सिर्फ उन लोगों के खिलाफ ही जांच की जाएगी, जिनकी जमा राशि टैक्स रिटर्न से अलग पाई जाएगी.
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