रूठना-मनाना, फिर रूठ जाना और मुलायम हो जाना

मुलायम सिंह यादव:फ़ाइल फोटो साभार

रूठना-मनाना, फिर रूठ जाना और मान जाना. मुलायम सिंह यादव की आदत में शामिल हो चला है. अब वे एक बार फिर बेटे अखिलेश के पक्ष में प्रचार पर निकलने की बात कर रहे हैं. उनका यह भी कहना है कि न तो अमर सिंह नाराज हैं और न ही शिवपाल. और अगर कोई नाराज हुआ भी तो वे उसे मना लेंगे. 
सोमवार को उन्होंने दोहराया कि वे अखिलेश के पक्ष में प्रचार पर निकलेंगे. उन्हें यह भी भरोसा है कि अखिलेश फिर मुख्यमंत्री बनेंगे. अब उन्हें कांग्रेस-सपा गठबंधन में भी कोई खोट नहीं दिखाई दे रहा है. उन्होंने कहा है कि वह कल से समाजवादी पार्टी और कांग्रेस गठबंधन के लिए प्रचार शुरू कर देंगे. 
साथ ही उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के अगले मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ही होंगे. शिवपाल यादव की नाराजगी की खबरों पर उन्होंने कहा “शिवपाल नाराज नहीं है. कौन है नाराज. कोई भी नहीं है.” उन्होंने अमर सिंह की नाराजगी की खबरों को भी सिरे से नकार दिया. मुलायम सिंह ने कहा, “अमर सिंह नाराज नहीं हैं. कोई मतभेद नहीं है. अखिलेश ही होगा अगला सीएम और कौन होगा?”
सबको मालूम है कि समाजवादी पार्टी और कांग्रेस गठबंधन को लेकर मुलायम सिंह यादव नाराज दिख रहे थे. मुलायम सिंह ने बीते दिनों दिल्ली में पार्टी कार्यकर्ताओं से कांग्रेस उम्मीदवारों के खिलाफ नामांकन करने को कहा था. उन्होंने कहा था कि जिन 105 सीटों पर कांग्रेस उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं, वहां सपा कार्यकर्ता नामांकन करें. 
सपा-कांग्रेस गठबंधन पर नाराजगी जताते हुए उन्होंने कहा था कि समाजवादी पार्टी यूपी में अकेले दम पर चुनाव जीतने में सक्षम है. ऐसे में पार्टी को किसी के साथ गठबंधन की कोई जरूरत नहीं थी.
समाजवादी पार्टी की आपसी लड़ाई से काफी नुकसान पहले ही हो चुका है. अब क्षणे रुष्टा-क्षणे तुष्टा की तर्ज पर रही-सही कसर मुलायम सिंह निकाल रहे हैं. उन्हें यह पता है कि पार्टी उनके हाथ में नहीं है, फिर भी वे कभी-कभी जाग जाते हैं. फिर कुछ न कुछ ऐसा बोल जाते हैं, कार्यकर्ता से लेकर आम मतदाता सोचने पर विवश हो जाता है कि आखिर नेताजी क्या करने वाले हैं.

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