अमेरिका के इस कदम के बाद आप भी ट्रंप के कायल हो जाएंगे, जरूर पढ़ें

मौलाना हैदरी :फ़ाइल फोटो :साभार

पाकिस्तानी सीनेट के उप सभापति और जमीयत उलेमा इस्लाम फज्ल के महासचिव मौलाना अब्दुल गफूर हैदरी को वीजा देने से अमेरिकी इनकार के बाद पाकिस्तानी में बवाल मच गया है. सभी सांसद भड़के हुए हैं. पाकिस्तानी जनप्रतिनिधियों ने अमेरिका का बॉयकॉट करने की धमकी दी है. 

अमेरिका की इस पहल के बाद दो सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल का प्रस्तावित अमेरिकी दौरा रद्द हो गया है. हैदरी को संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में 13 और 14 फरवरी को होने वाली इंटर-पार्ल्यामेंटरी यूनियन की बैठक में शामिल होना था. पाकिस्तान ने अब कहा है कि मसला हल होने तक पाकिस्तानी संसद, संसदीय समितियां और सांसद किसी भी अमेरिकी दल, सांसद या राजनयिक का स्वागत नहीं करेंगे.
मौलाना हैदरी कट्टरपंथी संगठन जमीयत उलेमा इस्लाम फज्ल के महासचिव हैं, जो अमेरिका विरोधी रुख के लिए जाना जाता है. सेनेटर लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) सलाऊद्दीन तिरमिजी भी हैदरी के साथ अमेरिका जाने वाले थे और उनको दो दिन पहले ही अमेरिकी वीजा दे दिया गया था. हैदरी का वीजा रद्द होने के बाद पाकिस्तानी सेनेट के सभापति रजा रब्बानी के निर्देश पर दोनों सेनेटरों की यात्रा को अब रद्द कर दिया गया है.
रब्बानी ने अपने सचिवालय को निर्देश दिया है कि मुद्दे के हल होने तक किसी भी अमेरिकी शिष्टमंडल, यूएस कांग्रेस के सदस्यों या राजनयिकों को पाकिस्तानी सेनेट, इसकी स्टैंडिंग कमेटी की ओर से कोई तवज्जो नहीं दी जाए. रब्बानी ने यह भी आदेश दिया है कि कोई पाकिस्तानी सेनेट का प्रतिनिधिमंडल तब तक अमेरिका नहीं जाएगा, जब तक कि हैदरी का वीजा रद्द करने का आधिकारिक कारण न बताया जाए.
पाकिस्तान मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सीनेट सचिवालय ने दोनों सांसदों को वीजा अनुमति दिए जाने का आवेदन दो सप्ताह पूर्व दिया था. यात्रा से दो दिन पहले जब सचिवालय के अधिकारियों ने इस्लामाबाद स्थित अमेरिकी दूतावास का रिकॉर्ड चेक किया तो पाया कि हैदरी को वीजा अनुमति नहीं मिली है. इससे पहले पाकिस्तान और अमेरिका के अच्छे रिश्तों की वजह से आसानी से वीजा मिल जाता था और सामान्य आवेदन से ही वीजा मिल जाता था.
मुस्लिम देशों पर सख्त ट्रंप प्रशासन ने पहली बार पाकिस्तान के खिलाफ यह कदम उठाया है. बदले में पाकिस्तानी सीनेट के अध्यक्ष रजा रब्बानी ने अगले आदेश तक अपने यहां किसी भी अमेरिकी सांसद, राजनयिक या शिष्टमंडल का स्वागत न करने का निर्देश जारी कर दिया है.

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