काशी का रण: ये क्या कह गए सात बार भाजपा विधायक रहे दादा

श्यामदेव राय चौधरी: फ़ाइल फोटो:साभार
वाराणसी दक्षिण से लगातार सात बार विधायक रहे श्यामदेव राय चौधरी ने चुनावी राजनीति छोड़ने का एलान कर दिया है. इस बार बीजेपी ने उन्हें टिकट नहीं दिया था. दादा के नाम से मशहूर श्यामदेव राय चौधरी ने वोट डालने के बाद यह घोषणा की. 
इसी के साथ उन्होंने जनता से अपील की कि वे कमल के निशान पर वोट देकर पीएम मोदी के हाथों को सशक्त करें और भारत को आगे बढ़ाने में उनकी मदद करें. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक मौजूदा भाजपा प्रत्याशी नीलकंठ को जिताने के सवाल पर उन्होंने कहा-यहां मुझे कोई नीलकंठ याद नहीं है. मुझे सिर्फ कमल का निशान और पीएम मोदी याद हैं. बीजेपी से नाराज़गी के सवाल पर दादा ने कहा-कभी नाराजगी थी अब खत्म हो चुकी है. पहले मैं नाटक कर रहा था.
श्यामदेव राय चौधरी ने कहा-मैं आज जो कुछ भी हूं जनता के आशीर्वाद और प्यार की वजह से हूं. एमएलसी बनाए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा की ऐसी कोई तैयारी नहीं है. पार्टी ने जो दिया वो ले लिया. अब सेवक के रूप में पार्टी के लिए काम करूंगा.
श्यामदेव राय चौधरी को लोग प्यार से ‘दादा’ के नाम से बुलाते हैं.  दक्षिण वाराणसी सीट से बीजेपी ने इस बार उन्हें टिकट नहीं दिया और उनकी जगह पर नीलकंठ तिवारी को अपना उम्मीदवार बनाया है. टिकट नहीं मिलने से नाराज़ श्यामदेव राय चौधरी ने कहा था कि वह दक्षिणी वाराणसी सीट से नीलकंठ तिवारी के लिए नहीं बल्कि बीजेपी के लिए प्रचार-प्रसार करेंगे.
पूरी दुनिया जानती है की वाराणसी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का संसदीय क्षेत्र है. वे तीन दिन यहीं गुजार के गए हैं. यहाँ की सभी सीटें जीतना उनके लिए चुनौती है और नहीं जीते तो बदनामी तय है. ऐसे में दादा का यह बयान बहुत कुछ कहता है. लेकिन असल मामला 11 मार्च को ही खुलेगा.

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