चुनावी मौके पर बसपा प्रमुख की घेराबंदी, पुराने मामले सुनवाई के लिए खोले
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बसपा सुप्रीमो मायावती : फ़ाइल फोटो साभार |
विस्तृत जांच-पड़ताल के बाद आयकर विभाग की धारा 148 के तहत इन मामलों को दोबारा सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया है. जिन याचिकाओं को दोबारा सुनवाई के लिए वर्गीकृत किया गया है, उनमें 2012 में दर्ज कराई गई बीजेपी नेता किरीट सोमैया की शिकायत शामिल है, जिसमें उन्होंने मायावती के खिलाफ आर्थिक अनियमितता का आरोप लगाया था. केंद्र सरकार में मंत्री कलराज मिश्र ने भी मायावती और उनके भाई आनंद कुमार पर फर्जी कंपनियां बनाने का आरोप लगाया था.
लखनऊ के जांच विभाग में बकाया कुछ याचिकाओं को एक्स श्रेणी (जिसमें बड़ी धांधली की गई है) में रखा गया, जबकि कम गंभीर शिकायतों को वाई और जेड श्रेणी में रखा गया था. मायावती के फ्रेंड्स और फैमिली के खिलाफ एक याचिका को एक्स श्रेणी में रखा गया था. मायावती के भाई आनंद कुमार के खिलाफ पांच याचिकाओं को एक्स और वाई श्रेणी में रखा गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सीबीडीटी की आधिकारिक प्रवक्ता मीनाक्षी जे. गोस्वामी ने बताया कि व्यक्तिगत मामलों में किसी केस की डीटेल शेयर करना विभाग की मीडिया पॉलिसी के खिलाफ है.
मायावती के खिलाफ पुराने मामलों को दोबारा खोलने का पत्राचार अक्टूबर में शुरू हुआ था. उनके भाई आनंद कुमार के खिलाफ बकाया पांच याचिकाओं पर तेजी से कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया था. लखनऊ में आयकर विभाग महानिदेशालय ने मायावती, उनके परिवार और सलाहकारों के खिलाफ ये याचिकाएं गाजियाबाद/नोएडा में आयकर विभाग के प्रिंसिपल कमिश्नर को तत्काल और उचित कार्रवाई के लिए भेज दी गई थीं.
लखनऊ के जांच विभाग में बकाया कुछ याचिकाओं को एक्स श्रेणी (जिसमें बड़ी धांधली की गई है) में रखा गया, जबकि कम गंभीर शिकायतों को वाई और जेड श्रेणी में रखा गया था. मायावती के फ्रेंड्स और फैमिली के खिलाफ एक याचिका को एक्स श्रेणी में रखा गया था. मायावती के भाई आनंद कुमार के खिलाफ पांच याचिकाओं को एक्स और वाई श्रेणी में रखा गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सीबीडीटी की आधिकारिक प्रवक्ता मीनाक्षी जे. गोस्वामी ने बताया कि व्यक्तिगत मामलों में किसी केस की डीटेल शेयर करना विभाग की मीडिया पॉलिसी के खिलाफ है.
मायावती के खिलाफ पुराने मामलों को दोबारा खोलने का पत्राचार अक्टूबर में शुरू हुआ था. उनके भाई आनंद कुमार के खिलाफ बकाया पांच याचिकाओं पर तेजी से कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया था. लखनऊ में आयकर विभाग महानिदेशालय ने मायावती, उनके परिवार और सलाहकारों के खिलाफ ये याचिकाएं गाजियाबाद/नोएडा में आयकर विभाग के प्रिंसिपल कमिश्नर को तत्काल और उचित कार्रवाई के लिए भेज दी गई थीं.
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