नोटबंदी, नगदी संकट में भी आप बन सकते हैं करोड़पति, बस एक...


नोटबंदी, कैशलेस और लेस कैश के बीच डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के इरादे से केंद्र सरकार ने एक करोड़ तक का ईनाम देने की घोषणा की है. ये पुरस्कार लाटरी के जरिए दिए जाएंगे. यह लाभ आम आदमी को तो मिलेगा ही, व्यापारी भी इसका लाभ उठा सकेंगे. 

नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ कांत ने इन तोहफों का खुलासा करते हुए बताया कि आठ नवंबर से 13 अप्रैल तक बैंकों के जरिये हुए ट्रांजेक्शन के लिए सरकार मेगा प्राइज यानी बंपर पुरस्कार देगी. ये पुरस्कार रोजाना और साप्ताहिक ड्रॉ में दिये जाएंगे. अमिताभ के मुताबिक 14 अप्रैल से पहले तक यानी 13 अप्रैल तक आम डिजीटल ग्राहकों के लिए एक करोड़, 50 लाख और 25 लाख के नकद पुरस्कार दिये जाएंगे. कारोबारियों के लिए भी इनाम का इंतजाम है. उनको 50 लाख, 25 लाख और पांच लाख रुपये का नकद पुरस्कार मिलेगा.

सरकार का फोकस नोटबंदी का नफा नुकसान गिनाने से ज्यादा डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए इंसेंटिव देने पर है, ताकि जनता को ये भरोसा हो कि अब भी उम्मीद बाकी है. अब तक देश में हो रहे कुल लेनदेन का सिर्फ 5 फीसदी ही डिजिटल है. कोशिश है कि डिजिटल भुगतान यानी लेनदेन को जनता दिल से स्वीकार कर ले और नकद मुद्रा पर निर्भरता कम हो.

व्यापारियों को अलग से भी पुरस्कार

हाल ही में शुरू की गई डिजीधन योजना के तहत व्यापारियों के लिए हर सप्ताह सात हजार पुरस्कार दिये जाएंगे. अधिकतम इनाम 50 हजार रुपये नकद का होगा. आम ग्राहकों के लिए साप्ताहिक पुरस्कार योजना होगी जिसमें एक लाख, दस हजार और पांच हजार रुपये के नकद इनाम होंगे.

दूसरी ओर देश में रिटेल पेमेंट सिस्टम को बढ़ावा देने के बनाये गये नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया यानी एनपीसीआई ने भी कई लकी ड्रॉ योजनाओं का ऐलान किया है. छोटे बड़े भुगतान को डिजिटल तौर पर करने के लिए पेटीएम के जोरदार विकल्प यूपीआई जैसे एप्स को जनता तक पहुंचाने की मुहिम में लगे एनपीसीआई ने कहा है कि क्रिसमस से अगले सौ दिनों तक रोजाना 15 हजार विजेताओं को एक-एक हजार रुपये का नकद इनाम मिलेगा. 
इन तमाम लकी ड्रॉ परियोजनाओं का फोकस डिजीधन योजना के तहत डिजिटल लेन देन करने वाले गरीब और मध्य वर्ग के ग्राहकों के साथ साथ छोटे और मझोले कारोबारियों पर होगा. ताकि नोटबंदी की मार झेल रहे इन लोगों को ज्यादा से ज्यादा डिजिटल पेमेंट सिस्टम से जोड़ा जा सके. 

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