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फ़ाइल फोटो : साभार |
साल 2016 बीत रहा है. हम सर्जिकल स्ट्राइक से गौरवान्वित हैं. देश में सेना की जय-जय कार है. पर, हमने अपने 63 जवान खोये हैं इस पूरे साल में अब तक. मतलब इतने ही घर सूने हो गए. न जाने कितनों के सिर से पिता का साया उठा. न जाने कितनी मांगे सूनी हो गईं. अब समय आ गया है कि हम इस दिशा में सोचें और अपनों को इस बेजा हमलों से बचाएं. इसके लिए जो कुछ भी करना पड़े, हमें करना ही होगा.
कुछ नियम-कानून टूटते हैं, तो टूट जाएँ. दुश्मन चाहे पाकिस्तान हो या कोई और, आईआईएस हो या हिजबुल मुजाहिदीन या फिर इनका समर्थन करने वाले, तगड़ा जवाब देना होगा. हमें यह नहीं भूलना होगा शनिवार को भी पम्पोर में उन्होंने हमला किया. हमारे तीन जवान शहीद हुए और आतंकी सुरक्षित निकल गए. हम उनका कुछ नहीं कर पाए. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक इस साल 15 दिसंबर तक 60 जवान हमने खोये हैं.
बीते साल यानी 2015 में शहीद होने वाले जवानों की संख्या 33 थी. 2014 में यह संख्या 32 थी. 60 में से 23 जवानों ने लाइन ऑफ कंट्रोल पर होने वाले सीजफायर और ऑपरेशन्स में अपनी जान गंवाई जबकि 2015 में ऐसी कार्रवाई में सिर्फ चार और 2014 में सिर्फ पांच जवान शहीद हुए थे. आतंकवादी गतिविधियों को रोकने के लिए जम्मू-कश्मीर में चल रहे ऑपरेशन में भी काफी जवानों को जान गंवानी पड़ी है. वहीं, आंतरिक इलाकों में हुई मुठभेड़ में अबतक 37 जवान शहीद हुए हैं जबकि 2015 में ऐसे हमलों में 29 जवान और 2014 में 27 जवानों ने कुर्बानी दी थी.
अफसरों का कहना है कि आंतरिक इलाकों में शहीद होने वालों की संख्या इस साल हुए दो बड़े हमलों के कारण ज्यादा है. उरी और नगरोटा हमले को आतंकियों ने इसी वर्ष अंजाम दिया था. उरी हमले में 19 जवान शहीद हो गए थे जिसके बाद भारत ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया था और वहां कई आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया था. सर्जिकल स्ट्राइक के बाद से ही सीमा पर सीजफायर उल्लंघन की घटनाएं और बढ़ गईं हैं. सीजफायर में दोनों ही देशों की तरफ से भारी हथियारों का इस्तेमाल हुआ जिसमें तोप भी शामिल हैं.
पिछले तीन हफ्तों की बात करें तो सीजफायर का उल्लंघन कम है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक आर्मी के अफसरों ने यह भी माना कि घाटी में आतंक काफी बढ़ गया है. इस वर्ष 100 से ज्यादा आतंकियों को सुरक्षाबलों ने मार गिराया है. मारे गए आतंकियों में से ज्यादातर घुसपैठ के दौरान मारे गए.
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